6th December: 28 जनवरी तक मथुरा में लागू धारा 144, हिंदू महासभा ने किया था मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने का एलान
6th December: अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने 6 दिसंबर को शाही ईदगाह मस्जिद पर हनुमान चालीसा पढ़ने का एलान किया था। आज 6 दिसंबर के मद्देनजर जिला प्रशासन अलर्ट पर है। जन्म स्थान के आस-पास कड़ी सुरक्षा का घेरा बना दिया गया है...
6th December: अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने 6 दिसंबर को शाही ईदगाह मस्जिद पर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पढ़ने का एलान किया था। आज 6 दिसंबर के मद्देनजर जिला प्रशासन अलर्ट पर है। जन्म स्थान के आस-पास कड़ी सुरक्षा का घेरा बना दिया गया है। वहीं, जिलाधिकारी ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है।
समर्थन में कई हिंदूवादी संगठन
श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने 6 दिसंबर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने का एलान किया है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के ऐलान के बाद हिंदूवादी संगठनों ने समर्थन किया है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 6 दिसंबर को एक बार फिर हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए हम तैयार हैं। कोई भी बाधा इस बार हमें शाही मस्जिद पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से नहीं रोक सकती। अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से मथुरा चलो का आव्हान और मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों द्वारा काला दिवस के रूप में मनाए जाने और निकाय चुनाव की तैयारियों को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है।
ये रखे गये हैं नियम
इस दौरान कतिपय व्यक्ति संगठन, शरारती व समाज विरोधी तत्व जनपद में शांति कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। इसे देखते हुए धारा 144 लागू की गई है। इस दौरान पांच या इससे अधिक व्यक्तियों को बिना सक्षम मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के एक स्थान पर एकत्रित नहीं होंगे। शव यात्रा, बारात एवं ड्यूटी पर तैनात लोक सेवकों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
हिंदू महासभा की क्या है चेतावनी?
अखिल भारत हिंदू महासभा ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह परिसर में लड्डू गोपाल का 6 दिसंबर को जलाभिषेक करने, हनुमान चालीसा पाठ करने की अनुमति मांगी है। अखिल भारत हिंदू महासभा इस परिसर के प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिर का गर्भगृह होने का दावा करती है।
इस बीच मथुरा प्रशासन ने जिले में बिना अनुमति के किसी भी राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक संगठन द्वारा पांच या पांच से अदिक लोगों के समूह के एकत्र होकर धरना, सभा और प्रदर्शन आदि पर रोक लगाई है। यह रोक अगले साल 28 जनवरी तक प्रभावी रहेगी।