खुलासा : चीन ने डेपसांग के भारतीय सेना के पांच पारंपरिक पेट्रोलिंग प्वाइंट में गश्त पर रोक लगायी
यह मामला टकराव शुरू होने से पहले मार्च-अप्रैल का बताया जा रहा है। जिस क्षेत्र में गश्त रोकने की बात कही गई है वह 50 वर्ग किलोमीटर में फैला है और सामरिक दृष्टिकोण से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है...
जनज्वार। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में संसद के दोनों सदनों में बयान दिया कि हमें एलएसी पर हमारे परंपरागत पेट्रोलिंग प्वाइंट पर गश्त करने से हमें कोई रोक नहीं सकता है। पर, अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। चीन ने पैंगोग सो के अलावा डेपसांग में भी भारतीय सेना के पांच पारंपरिक पेट्रोलिंग प्वाइंट में गश्त पर रोक लगा दी है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से खबर दी है कि चीनी सेना ने डेपसांस में मौजूदा टकराव से पहले ही पांच पेट्रोलिंग प्वाइंट पर भारतीय सेना को गश्त करने से रोक दिया था। इस इलाके में सेना इस साल के मार्च अप्रैल से ही पेट्रोल प्वाइंट 10, 11, 11ए, 12 व 13 पर गश्त करने के लिए नहीं जा सकी है।
दार्बुक-श्योक-दौलत बेग ओल्दी रोड के पूर्व में पड़ने वाले ये पेट्रोलिंग प्वाइंट एलएसी के काफी करी हैं और भारतीय सीमा में ही पड़ते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस इलाके में भारतीय सेना को गश्त करने से रोका गया है कि करीब 50 वर्ग किलोमीटर का है। वहीं, चीन के मामले में सरकार की सलाहकार समिति चाइना स्टडी ग्रुप के एक सदस्य ने कहा है कि ये पेट्रोलिंग प्वाइंट सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं और इस इलाके में यह बड़ा बदलाव है।
ये पेट्रोलिंग प्वाइंट भारत की सीमा के पास बुत्र्से स्थित सैन्य बेस से मात्र 7 किमी की दूरी पर हैं और ये पेट्रोलिंग प्वाइंट लद्दाख में वाइ जंक्शन से कुछ ही दूरी पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस वाइ जंक्शन की एक सड़क उत्तर में राकी नाला स्थित पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 की ओर जाती है। जबकि दक्षिण पूर्व की तरफ जाने वाला ट्रैक जीवन नाला के तरह पेट्रोलिंग प्वाइंट13 की तरफ जाता है। इसके अलावा दक्षिण की ओर जाने वाला एक रूट पेट्रोलिंग प्वाइंट 11, 11ए व 12 की तरफ है।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि एलएसी के पार ये सभी इलाके भारतीय अधिकार क्षेत्र में आते हैं। एलएसी पर इन पेट्रोलिंग प्वाइंट पर गश्त के जरिए सेना इन इलाकों व इसके आसपास के क्षेत्र में अपने नियंत्रण का दावा करती है। रिपोर्ट के अनुसार, डेपसांस में भारतीय सेना की इन पेट्रोलिंग प्वाइंट पर गश्त को बंद कराने के लिए न सिर्फ एलएसी बल्कि पेट्रोलिंग प्वाइंट भी पार करने पड़े होंगे।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि भारतीय सेना जब चाहे उन पेट्रोलिंग प्वाइंट में जा सकती है लेकिन इससे एक और टकराव वाला क्षेत्र बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, इन पेट्रोलिंग प्वाइंट पर भारत के संपर्क को काटने के लिए चीन की सेना को वहां रुकना जरूरी नहीं है, बल्कि जब भारतीय सेना वहां पहुंचती है तो चीनी सेना भी वहां आ जाती है।
वहीं, इस इलाके में तैनात रह चुके एक आर्मी कमांडर के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के लिए बाॅटनलेक तक भारतीय सेना को रोक देना तब तक संभव नहीं है जबतक वह इस जगह के करीब पैर न जमाए या उसके पास निगरानी तंत्र न हो।