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सिक्योरिटी

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले नहीं टला है चीनी हमले का खतरा, सेना रहे किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार

Janjwar Desk
23 July 2020 4:52 AM GMT
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले नहीं टला है चीनी हमले का खतरा, सेना रहे किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार
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एयरफोर्स कमांडर के कान्फ्रेंस को संबोधित करते रक्षामंत्री राजनाथ सिंह.

एयरफोर्स कमांडरों के कान्फ्रेंस में राजनाथ सिंह ने एक बार फिर चीन की चुनौतियों का जिक्र किया है और सेना को हर त्वरित कार्रवाई के लिए हमेशा तैयार रहने को कहा है...

जनज्वार। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव कम करने के प्रयास चल रहे हैं, लेकिन किसी भी विपरीत स्थिति को टालने के लिए सेना तैयार रहे। रक्षामंत्री ने कहा कि जिस त्वरित ढंग से वायुसेना ने बालाकोट में कार्रवाई की और पूर्वी लद्दाख में अग्रिम ठिकानों पर वायुसेना के संसाधनों की त्वरित तैनाती की गई है उससे विरोधियों में कड़ा संदेश गया है।

रक्षामंत्री राजनाथ ने बुधवार (22 July 2020) को एयरफोर्स कमांडर्स के तीन दिवसीय कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कही है। उन्होंने सशस्त्र बलों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी वित्तीय सहित सभी आवश्यकताएं पूरी की जाएंगी। उन्होंने वायुसेना द्वारा अभियान क्षमता बढाने के लिए पिछले कुछ महीनों में किए गए काम की सराहना की है।

पूर्वी लद्दाख में चीन से बातचीत के बाद तनाव कम हुआ है, लेकिन वह पीछे नहीं हटा है। राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों लद्दाख के दौरे पर भी कहा था कि चीन के साथ बातचीत जारी है, लेकिन यह कितना सफल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता। उन्होंने सेना को उस समय भी हर स्थिति से निबटने के लिए तैयार रहने को कहा था।

वहीं, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि भारतीय सेना फौरी तौर पर दूरगामी खतरे से निबटने के लिए तैयार है। उन्होंने कमांडरों को शाॅर्ट नोटिस पर त्वरित अभियान के लिए उच्च दर्जे की तैयारी रखने को कहा।

15 जून की गलवान घाटी झड़प के बाद 17 जुलाई को राजनाथ सिंह पहली बार राजनाथ सिंह लद्दाख के दौरे पर गए थे और फारवर्ड पोस्ट पर सेना की सुरक्षा तैयारी का जायजा लिया। तब उन्होंने कहा था जो कुछ भी अबतक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए, कहां तक हल होगा इसकी गारंटी दे सकता। लेकिन, इतना यकीन मैं जरूर दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस कोई कब्जा नहीं कर सकता।

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