Hunger Index : भुखमरी सूचकांक में और नीचे गया भारत, पाकिस्तान- बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे

Hunger Index : भारत में गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें सैकडों करोड़ रुपयों का बजट सन्निहित होता है केंद्र सरकार दावे करती है कि देश के करोड़ों लोगों को खाद्यान्न सहित अन्य जीवनोपयोगी चीजें पहुंचाई जा रही हैं ..

Update: 2021-10-15 02:50 GMT

(मोदी सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाने के दावे करती है लेकिन भुखमरी सूचकांक में भारत और नीचे चला गया है)

Hunger Index : भारत में गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें सैकडों करोड़ रुपयों का बजट (Budget of hundreds crore) सन्निहित होता है। केंद्र सरकार (Modi Government) कई बार दावे कर चुकी है कि देश के करोड़ों लोगों के लिए खाद्यान्न सहित अन्य जीवनोपयोगी चीजें पहुंचाई जा रही हैं लेकिन तल्ख हकीकत यह है कि हंगर इंडेक्स (Hunger Index) यानी भुखमरी सूचकांक में भारत का स्थान और नीचे चला गया है। और तो और इस सूचकांक में भारत पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी नीचे है। 

भारत में गरीबों के लिए सहायता योजनाओं के लाख दावे किए जाते हों लेकिन वैश्विक भुखमरी सूचकांक (GHI) 2021 ने भारत को 116 देशों में से 101वां स्थान दिया गया है। जबकि साल 2020 में भारत 107 देशों में 94वें स्थान पर था। 2021 की रैंकिंग के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल ने भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है।

सहायता कार्यों से जुड़ी आयरलैंड (Ireland) की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड (Worldwide) और जर्मनी का संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ (West Hunger Hilf) की ओर से संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को 'चिंताजनक' बताया गया है। 

भारत का जीएचआई स्कोर (Global Hunger Index Score) भी गिर गया है। यह साल 2000 में 38.8 था, जो 2012 और 2021 के बीच 28.8-27.5 के बीच रहा। जीएचआई स्कोर की गणना चार पैरामीटर पर की जाती है, जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल हैं। साल 2020 में भारत 107 देशों में 94वें स्थान पर था। अब 116 देशों में यह 101वें स्थान पर आ गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में चाइल्ड वेस्टिंग की दर 1998 और 2002 के बीच 17.1 प्रतिशत से बढ़कर 2016 और 2020 के बीच 17.3 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अन्य पैरामीटरों में सुधार दिखाया है जैसे कि बाल मृत्यु दर, बाल स्टंटिंग की व्यापकता और अपर्याप्त भोजन के कारण अल्पपोषण की व्यापकता।

 रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी देश जैसे नेपाल (76), बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) भी भुखमरी को लेकर चिंताजनक स्थिति में हैं, लेकिन भारत की तुलना में ये सभी अपने नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने को लेकर बेहतर प्रदर्शन किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 (Covid-19) और महामारी संबंधी प्रतिबंधों की वजह से लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जहां दुनिया भर में बच्चों की वेस्टिंग की दर सबसे ज्यादा है।

रिपोर्ट में चीन, ब्राजील और कुवैत सहित अठारह देशों ने पांच से कम के जीएचआई स्कोर के साथ टॉप स्थान साझा किया है।

जीएचआई की इस रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया के लिए भूख के खिलाफ लड़ाई खतरनाक तरीके से पटरी से उतर रही है। वर्तमान अनुमानों के आधार पर, दुनिया और विशेष रूप से 47 देश 2030 तक निम्न स्तर की भूख को प्राप्त करने में असमर्थ होंगे।

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