66 बच्चों की जान लेने वाला कफ सिरप कहीं यूपी में भी तो नहीं बिक रहा, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए जांच के आदेश

गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चार कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है...

Update: 2022-10-08 04:11 GMT

66 बच्चों की जान लेने वाला कफ सिरप कहीं यूपी में भी तो नहीं बिक रहा, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए जांच के आदेश

Lucknow News : गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चार कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मानक के खिलाफ चल रही दवा कंपनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

डिप्यूटी सीएम बृजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक से कहा है कि सभी पहलुओं पर जांच की जाए। देखा जाए कि प्रदेश के दवा बाजार में कहीं इस कंपनी के प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री तो नहीं हो रही है? उन्होंने इन सभी बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। कहा है कि मानक के अनुसार जांच कर गड़बड़ मिलने वाली कंपनी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने 24 घंटे में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

कौन सी दवाओं को लेकर उठ रहे सवाल

मेसर्स मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की तरफ से हाई ब्लड शुगर के लिए तैयार की गई दवा मेटोमिन (Metomin) इस साल टेस्ट में फेल हुई थी. इस दवा के दो बैच इस साल और एक तीसरा बैच पिछले साल टेस्ट में फेल हुआ था। ये टेस्ट सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम था।

इसी तरह इस साल मार्च में इस कंपनी की माइसल-डी टैबलेट भी अपना गुणवत्ता टेस्ट पास नहीं पाई थी। इसका इस्तेमाल विटामिन-डी और कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने के लिए किया जाना था। इन टैबलेट्स को भी हरियाणा के सोनीपत यूनिट में तैयार किया गया था। इसके अलावा जून में इसी कंपनी की एस्प्रिन 75mg भी अपना लेबोरेट्री टेस्ट पूरी तरह पास नहीं कर पाई थी। इस दवा का इस्तेमाल खून को पतला करने के लिए किया जाता है।

इससे पहले दिसंबर 2015 में वडोदरा, गुजरात में स्थित फूड एंड ड्रग लेबोरेटरी ने एक रिपोर्ट में बताया था कि मेसर्स मेडेन की Macirpo 250 टैबलेट अपने डिजॉल्यूशन टेस्ट में पास नहीं हो पाई है। इस दवा का इस्तेमाल बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने के लिए किया जाता है। ऐसे ही कंपनी की बाकी दवाओं को लेकर भी सवाल उठे थे।

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