दलितों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों पर अत्याचार करने वालों को संरक्षण देने का काम कर रही है सरकारें

Indore News : MP में गुना जिले में वनवासी महिला को चोरी के आरोप में पकड़ा जाता है और बुरी तरह पीटा जाता है, वहीं सागर जिले में आदिवासियों को घर में घुसकर बेरहमी से पीटा जाता है, इसी के साथ जन्माष्टमी के पंडाल के पास एक दलित महिला के पहुंचने पर अपने आप को कुलीन समझने वाले माली समाज के लोगों द्वारा उसे बुरी तरह पीटा जाता है...

Update: 2022-08-31 11:04 GMT

दलितों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों पर अत्याचार करने वालों को संरक्षण देने का काम कर रही है सरकारें

Indore News : जालौर में दलित छात्र को पीट-पीटकर मार डालने, गुजरात में बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा करने तथा मध्य प्रदेश के बीना, सागर, गुना समेत अन्य जगह हुई दलित आदिवासियों के अत्याचार की घटनाओं को रोकने तथा इन घटनाओं के अपराधियों को महिमामंडित करने की कोशिश करने वालों को भी सख्त से सख्त सजा देने की मांग को लेकर तमाम सामाजिक राजनीतिक संगठनों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। लोकतांत्रिक मोर्चा से जुड़े वामपंथी समाजवादी दलों और अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने आज 30 अगस्त को संभाग आयुक्त से मिलकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया तथा सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया समेत कई जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आज संभागायुक्त कार्यालय पहुंच कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में मांग की गयी है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में जातिवादी हिंसा और दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों के खिलाफ वैमनस्य फैलाने की घटनाओं से सब सभी लोकतंत्र प्रेमियों संविधान में भरोसा करने वाले लोगों का सिर शर्म से झुक गया है। हमारा मानना है कि ऐसी घटनाओं के अपराधियों को केंद्र और राज्यों की सरकारों के संरक्षण के चलते घटनाओं की ना केवल पुनरावृत्ति हो रही है, बल्कि लगातार ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।

जालौर में जहां एक 9 वर्षीय बालक को छैल सिंह नाम के सवर्ण शिक्षक के मटके से पानी पीने के अपराध में ऐसी सजा दी गई कि उसकी मौत हो गई। बाद में उन अपराधियों को महिमामंडित करने का काम कथित संस्कृति के रक्षकों संघ और भाजपा से जुड़े लोगों द्वारा किया जा रहा है। इसी तरह गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो से सामूहिक बलात्कार करने वाले 11 आरोपियों को जिन्हें अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी थी, उन्हें रिहा कर दिया गया। इस घटना की न केवल पूरे देश में बल्कि दुनिया में निंदा हो रही है। इसी तरह मध्यप्रदेश में गुना जिले में वनवासी महिला को चोरी के आरोप में पकड़ा जाता है और बुरी तरह पीटा जाता है, वहीं सागर जिले में आदिवासियों को घर में घुसकर बेरहमी से पीटा जाता है।

इसी के साथ जन्माष्टमी के पंडाल के पास एक दलित महिला के पहुंचने पर अपने आप को कुलीन समझने वाले माली समाज के लोगों द्वारा उसे बुरी तरह पीटा जाता है। इसी तरह मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लोगों की आवाज को दबाने के लिए उनके विरोधी राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं पर रासुका और जिला बदर जैसी कार्रवाई कर लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। सरकार का काम है कि ऐसी घटनाओं को रोके, लेकिन सरकार इन्हें रोकने के बजाय इन आरोपियों को पूरी तरह से संरक्षण देने का काम कर रही है।

ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व पार्षद सोहनलाल शिंदे, सत्यनारायण वर्मा,कैलाश लिम्बोदिया, विजय अलावा, भागीरथ कछवाय, मुकेश चौधरी, अरुण चौहान, विवेक मेहता, सैयद साजिद अली समेत कई कार्यकर्ता शरीक थे। ज्ञापन देने वालों का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, रूद्रपाल यादव, सीएल सर्रावत, प्रमोद नामदेव आदि कर रहे थे।

ज्ञापन में मांग की गई है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार जालौर, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित देश के अन्य इलाकों में अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के खिलाफ वैमनस्य फैलाने और नफरत की घटनाओं पर लगाम लगाने का काम करें और अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दें। साथ ही अपराधियों को महिमामंडित करने वाले लोगों को भी गुनहगार मानते हुए उन्हें भी सजा दी जाए।

Tags:    

Similar News