दलित लड़की से दुष्कर्म और हत्या मामले में योगी सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा इस मामले में यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है...

Update: 2020-08-29 04:30 GMT

जनज्वार। यूपी के लखीमपुर खीरी में दलित लड़की के साथ रेप और हत्या मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार को नोटिस दिया है। आयोग द्वारा इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया गया है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा इस मामले में यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग ने यह भी कहा है कि रिपोर्ट में यह ब्यौरा होना चाहिए कि पीड़ित परिवार को राहत देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं?

मानवाधिकार आयोग की नोटिस में लिखा गया है कि ऐसा लग रहा है कि आपराधिक मानसिकता के लोगों में कानून के प्रति न तो कोई सम्मान रह गया है, न ही डर। गरीब और कमजोर वर्ग की महिलाओं को आसान टार्गेट बना लिया जा रहा है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में भयमुक्त वातावरण स्थापित करें ताकि आम जनता सम्मान के साथ रह सके।

उल्लेखनीय है कि यह घटना लखीमपुर खीरी के नीमगांव थाना क्षेत्र के धवलपुर गांव की है। मंगलवार की सुबह सपना नाम की 18 वर्षीय इंटर की छात्रा का गला कटा शव मिला था। इसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी। बताया जाता है कि छात्रा सोमवार दोपहर को अपने घर से इंटर का फॉर्म ऑनलाइन कराने के लिए निकली थी, लेकिन देर रात तक वह घर वापस नहीं आई।

परिजनों द्वारा उसको खोजने का काफी प्रयास किया गया। काफी खोजबीन के बाद अगली सुबह सपना का शव एक गन्ने के खेत से मिला था। उसके गले में किसी धारदार हथियार से काटने के निशान था।

मामले में पुलिस ने दिलशाद नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। उसने घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली है। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी की इस घटना का संज्ञान लेते हुए आरापियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अपराधियों के खिलाफ एनएसए के तहत भी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा सीएम योगी ने शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि प्रकरण की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर अपराधियों को यथाशीघ्र सजा दिलाई जाए।

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