Ground Report : उत्तराखण्ड में लड़कियों की तस्करी की खबर फर्जी, प्रेमिकाओं के घर छोड़ने को बता दिया ट्रैफिकिंग

राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योतिशाह मिश्रा ने एहतियात के तौर पर अल्मोड़ा जिलाधिकारी वन्दना सिंह को पत्र भेजकर मामले की जांच के लिए कहा तो यह मामला गांव की चौपाल से उठकर प्रशासनिक हल्कों में चर्चा का विषय बन गया...

Update: 2021-08-18 16:00 GMT

सलीम मलिक की रिपोर्ट

रामनगर। उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले में रहस्यमय ढंग से एक के बाद एक लापता होती जा रही महिलाओं के मामले में तमाम आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं। अधिकांश मामले गृहक्लेश व इक्का-दुक्का मामला प्रेम-प्रसंग का निकलने के कारण ह्यूमन ट्रैफिकिंग (महिलाओं की तस्करी) या बहला-फुसलाकर भगा ले जाने गिरोह की तमाम कल्पनाएं कल्पनाएं ही रही। 'जनज्वार' टीम ने मौके पर जाकर जो तथ्य जुटाए उसमें क्षेत्र में चल रही तमाम अफवाहों की पुष्टि नहीं हुई।

घटनाक्रम के अनुसार अगस्त महीने के शुरू में अल्मोड़ा जनपद के थाना भतरोजखान के दनपो गांव की एक 28 साल की एक महिला ज्योति पत्नी महेंद्र कुमार (पति गुड़गांव में कार्यरत) अपने सात साल के सतीश व डेढ़ साल के बच्चे राहुल के साथ रहस्यमय ढंग से गायब हो जाती है। इसकी शिकायत ज्योति के ससुर आनन्दराम द्वारा भतरोजखान थाने में देकर गुमशुदगी दर्ज करा दी जाती है। इसके दो दिन बाद ही स्याल्दे ब्लॉक के राजस्व क्षेत्र नैनीसारा रापड में एक व्यक्ति द्वारा अपनी अविवाहित पुत्री के गायब होने की सूचना इलाकाई पटवारी को दी जाती है।

दोनों घटनाओं की खबर अखबारों में छपने के बाद इलाके में तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। चौपाल पर बैठकर चर्चा करने वाले ग्रामीणों ने तमाम आशंकाएं व्यक्त करनी शुरू कर दी। कोई इसे महिलाओं की तस्करी से जोड़ने वाला बताता तो कोई गांव की भोली-भाली महिलाओं को किसी शातिर गिरोह द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाने की करतूत बताता। कई पुरानी घटनाओं को जोड़ते हुए इस प्रकरण में होने वाली कानाफूसी लगातार बढ़ते-बढ़ते राज्य के महिला आयोग तक जा पहुंची।

राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योतिशाह मिश्रा जो की खुद इसी जिले की निवासी हैं, ने एहतियात के तौर पर अल्मोड़ा जिलाधिकारी वन्दना सिंह को पत्र भेजकर मामले की जांच के लिए कहा तो यह मामला गांव की चौपाल से उठकर प्रशासनिक हल्कों में चर्चा का विषय बन गया। राज्य महिला आयोग ने भी जिलाधिकारी को भेजे पत्र में किसी संगठित गिरोह की सक्रियता की भूमिका की जांच के लिए कहा तो पुलिस व राजस्व विभाग ने इसी बिन्दु को आधार बनाकर ज़मीनी स्तर पर पड़ताल शुरू कर दी।

यह जांच चल ही रही थी कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर थाना भतरोजखान में आकर एक महिला ने अपना नाम ज्योति पत्नी महेन्द्र कुमार बताते हुए बताया कि उसकी गुमशुदगी इसी थाने में उसके ससुर द्वारा लिखवाई गयी है।

इलाके से लापता महिला के खुद ही थाने लौटने पर विस्मित थानाध्यक्ष अनीस अहमद ने महिला के लौटने की खबर उच्चाधिकारियों को देते हुए विस्तृत पूछताछ की तो पता चला कि महिला का पति गुड़गांव में नौकरी करता है। एक-डेढ़ साल में वह घर आता है। उसकी गैरमौजूदगी में उसके सास-ससुर उसका व बच्चों का उत्पीड़न करते रहते हैं। जिससे त्रस्त होकर वह अपने बच्चों को लेकर खुद ही रिश्तेदारी में दिल्ली चली गयी थी। अपनी गुमशुदगी पुलिस में दर्ज होने की जानकारी पर वह खुद अपने पिता दिनेशराम व मां गोपुलिदेवी के साथ वापस आयी है।

महिला द्वारा सास-ससुर के उत्पीड़न से परेशान होकर घर से जाने वाली ज्योति के वापस आने के बाद पुलिस ने थाने में उसके कलमबंद बयान कराते हुए 16 अगस्त को भिकियासैंण में एसडीएम राहुल शाह के समक्ष उसके मजिस्ट्रेट बयान भी दर्ज करा दिए। इसी प्रकार स्याल्दे ब्लॉक से गायब हुई युवा लड़की के मामले में प्रकरण उसके प्रेम-प्रसंग से जुड़ा हुआ पाया गया। इन दोनों ही मामलों की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को भेजी जा रही है।

इन मामलों में जैसी आशंकाएं व्यक्त की जा रहीं थीं, उनका निर्मूल साबित होना प्रशासन के लिए राहत की बात है। लेकिन महिलाओं के गायब होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में अफवाहबाजी का यह सिलसिला नया नहीं है। इससे पूर्व भी इस क्षेत्र से घरेलू क्लेश की वजहों से महिलाएं अपने घरों से जाती रहीं हैं। लेकिन अफवाहबाजी के चलते प्रशासन की सिरदर्दी बढ़ी रहती है। ऐसे दो प्रकरण गौर करने लायक हैं।

बीते साल दिसम्बर महीने में जिले के चौखुटिया थाने के गणाई गांव सिनौली की एक महिला अपने सात साल के बच्चे के साथ गायब हो गई थी। घरेलू क्लेशबाजी के चलते यह महिला उत्तर-प्रदेश के मुजफ्फरनगर के शाहपुर क्षेत्र में चली गयी थी। एसएसपी पीएन मीणा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इस महिला को सर्विलांस की मदद से तीन सप्ताह बाद जनवरी के पहले सप्ताह में बरामद किया था।

इसी प्रकार बाड़ेछीना गांव की एक महिला इसी साल 24 जनवरी को अपने 11 साल के बेटे के साथ अपने मायके जाने के लिए कहकर घर से निकली थी। लेकिन यह महिला भी मायके न जाकर खुद ही मायके वालों की जानकारी में हिमाचल प्रदेश चली गयी थी। इस महिला की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद इसे राजस्व निरीक्षक बलवंतनाथ की टीम ने हिमाचल प्रदेश के बददी क्षेत्र से बरामद कर मजिस्ट्रेट बयान के बाद परिजनों की सुपुर्दगी में दिया था। यह महिला हिमाचल प्रवास के दौरान अपने मायके वालों के सम्पर्क में थी। लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी।

मामले में एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शांतिपूर्ण क्षेत्र कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए तिल का ताड़ बनाने का प्रयास करते रहते हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से समय रहते कदम उठाकर इलाके में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना का जल्द खुलासा करने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने लोगों से अफवाहबाजी से बचे रहने और प्रशासन तक सही सूचना पहुंचाकर सहयोग की भी अपील की है।

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