Crime in Bihar: BJP-JDU के राज में पंचायत चुनाव के बाद हारे दबंग और बाहुबली प्रत्याशियों की हनक 'जंगल राज' से कम नहीं
Crime in Bihar: जेडीयू और भाजपा के बीते 15 साल की पोल भारत सरकार की राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2020 (NCRB) की रिपोर्ट खोलती है। रिपोर्ट बताती है कि लालू यादव के शासन की तुलना में आज बिहार में हत्या, बलात्कार और दलितों के साथ अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं...
बिहार से अदिति चौधरी की रिपोर्ट
Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार में 24 सितंबर से 12 दिसंबर के बीच कुल 11 चरणों की वोटिंग के बाद पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) अब खत्म हो चुका है। दिसंबर के आखिरी हफ्ते से पंचायत चुनाव में जीते सभी जनप्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण भी शुरू हो जाएगा। मगर, इन सब के बीच वोट न देने के बदले बदला लेने का सिलसिला लगातार जारी है। पंचायत चुनाव में जिन दबंग प्रवृत्ति के प्रत्याशियों को वोट नहीं मिला, वे अब वोटरों से बदला लेने को उतारू हो गए हैं। पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद हिंसा की कई ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिसमें हारें हुए उम्मीदवारों द्वारा लगातार कानूनी व्यवस्था को ठेंगा दिखाया जा रहा हैं, और प्रशासन मूकदर्शक बने रहते हैं। ताजा मामला बिहार के गया जिले के टेनकूपा प्रखंड के बासापिपरा में सामने आया है, जहां के पूर्व दबंग मुखिया उमेश यादव उर्फ पहलवान यादव और उनके गुर्गों ने वोट न मिलने की खुन्नस में ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। गोलीबारी में कई महिला और बच्चे भी घायल हुए।
गया (Gaya) की ये घटना सिर्फ एक उदाहरण मात्र है। एक अन्य मामले में चुनाव हार जाने से बौखलाए बाहुबली प्रत्याशी द्वारा दलित वोटरों को थूक चटवाने का मामला उजागर हुआ। घटना बिहार के औरंगाबाद जिले का है। जानकारी के अनुसार,10वें चरण में हुए चुनाव के नतीजे आने के बाद कुटुंबा प्रखंड में (Bihar Panchayat Election 2021) में हारे हुए एक प्रत्याशी बलवंत सिंह को अपनी हार बर्दाश्त नहीं हुई। वोट न मिलने का बदला लेने के उसने क्षेत्र के दलित वोटरों के साथ मारपीट की। प्रत्याशी की दबंगई यही खत्म नहीं हुआ। उसने वोटरों से उठक बैठक भी कराई और जबरन उनसे थूक भी चटवााया। पंचायत चुनाव के बाद बिहार के ग्रामीण हिस्सों से बारे हुए प्रत्याशी या फिर जीते हुए प्रतिनिधियों की हनक के ऐसे कई मामले सामने आए हैं। कई बार ऐसे मामले गांव के अंदर ही दबा दिया जाता है। इसकी भनक न तो स्थानीय प्रशासन को लगती हैं और न ही राज्य सरकार इन मामलों में संज्ञान लेती है। BJP-JDU के डबल इंजन सरकार में पंचायत चुनाव के बाद हारे दबंग और बाहुबली प्रत्याशियों की हनक 'जंगल राज' की याद दिलाता है।
बिहार (Bihar) में 15 साल पहले के उस दौर से शायद ही कोई बिहारवासी अछूते होंगे, जब पंचायत चुनाव में प्रतायशियों के तेवर विधायक (MLA) और सांसद (MP) से कम नहीं हुआ करते थे। बिहार के इतिहास में वो एक ऐसा दौर था जब प्रदेश में सबसे ज्यादा दंबगों और बाहुबली चेहरों का जन्म हुआ। पंचायत चुनाव में उतरे प्रत्याशियों को बड़े बड़े नेताओं का शह प्राप्त था जिसके एवज में वोटरों को डरा धमका कर चुनाव जीत लिए जाते थे। मगर, लालू राज के खत्म होने के बाद ठीक उसी तरह के दौर का फिर से जन्म ले रहा हैं। NDA की गठबंधन सरकार में पंचायत चुनाव के नतीजे आने के बाद बढ़ रहे अपराध इस बात का इशारा है कि कैसे हार जाने के बाद दबंग प्रत्याशी और उनके गुर्गों द्वारा गरीब, दलित वर्ग के लोगों की प्रताड़ित करने का सिलसिला एक बार फिर से तेजी से बढ़ा है।
हाल ही में बिहार के पुर्णिया जिले (Purnia District) में नवनिर्वाचित सरपंच पति द्वारा लड़की की भरी पंचायत में पिटाई की घटना और विभिन्न जिलों में पांच नवनिर्वाचित मुखिया की हत्याओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी कहते हैं कि वर्तमान में बिहार की स्थित जगंलराज से भी बद्तर हो गई हैं। आए दिन पैक्स सदस्य और पंचायत सदस्यों पर हमले हो रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में हर दिन इस तरह की औसतन 12 हत्याएं होती हैं। इनमें से कई मामले थाने और कोर्ट तक पहुंचने से पहले ही निपटा लिए जाते हैं। कांग्रेस नेता असित नाथ तिवारी कहते हैं कि बिहार के परिपेक्ष में ये कहना गलत होगा कि सिर्फ उंची जाति के लोग चुनाव में दलित और गरीब तबके पर अत्याचार करते हैं। बिहार में जहां भी साधन संपन्न लोग हैं, वहां के गरीबों पर निश्चित तौर पर अत्याचार होता हैं, फिर चाहें वह किसी भी जाति के हों।
वहीं, बिहार के मुखिया 'सुशासन बाबू' यानि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोलते हुए राजद के वरिष्ठ नेता और समस्तीपुर नगर विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन (Akhtarul Islam Shahin) ने कहा कि चाहे शराबबंदी (Liquor Ban) हो या कानून व्यवस्था की, प्रदेश में एनडीए (NDA in Bihar) की सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। राजद विधायक ने कहा कि "लालू प्रसाद यादव (Lalu Prashad Yadav) बिहार में समाजिक परिवर्तन का मुद्दा लेकर सामने आए थे, जिसका काट एनडीए (NDA) के पास नहीं था, तो उन्होंने उसे जंगलराज घोषित कर दिया। मगर नीतीश कुमार के बीते 15 साल की पोल भारत सरकार की राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2020 (NCRB) की रिपोर्ट खोलती है। रिपोर्ट बताती है कि लालू यादव और राबड़ी देवी के शासन की तुलना में आज बिहार में हत्या, बलात्कार और दलितों के साथ अत्याचार की घटनाएं 100 फिसदी तक बढ़ गई हैं।" राजद विधायक ने कहा कि सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि जिन राज्यों में भी भाजपा की सरकार है, फिर चाहे वह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) हो या मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), सभी जगह अपराध हद से ज्यादा बढ़ गई हैं।