सफूरा जरगर जैसे ही जेल से बाहर निकलीं, दिल्ली पुलिस ने जामिया के दो और छात्रों से की पूछताछ

दोनों छात्रों से सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भूमिका और दिल्ली के उन दंगो के पीछे की साजिश को लेकर सवाल किए गए जिनमें 53 लोगों की जान चली गई थीं

Update: 2020-06-25 03:30 GMT

जनज्वार ब्यूरो। दिल्ली हाईकोर्ट से मानवीय आधार पर जमानत मिलने के बाद जामिया कॉर्डिनेशन कमिटी की सदस्य सफूरा जरगर बुधवार 24 जून को जैसे ही जेल से बाहर निकलीं, दिल्ली पुलिस ने जामिया दो अन्य छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया।

समाचार वेबसाइट आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक जिन दो छात्रों से दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की उनमें एक लॉ डिपार्टमेंट का सुयश त्रिपाठी और दूसरा सोशल स्टडीज का छात्र अरसालान अहमद हैं। दोनों छात्रों से सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भूमिका और दिल्ली के उन दंगो के पीछे की साजिश को लेकर सवाल किए गए जिनमें 53 लोगों की जान चली गई थीं।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों छात्रों को राजधानी दिल्ली लोधी रोड पुलिस स्टेशन में सामने पेश होने के लिए नोटिस भेजा था।

जामिया विरोधी सीएए के विरोध में सबसे आगे रहा है जिसने हिंसा को भी देखा था। हालांकि, जामिया मिलिया इस्लामिया ने दावा किया कि उनके छात्रों ने दंगों में भाग नहीं लिया या किसी भी तरह की हिंसा में लिप्त नहीं थे।

मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बुधवार को सफूरा जरगर को जेल से रिहा किया गया। हालांकि वह जमानत की शर्तों के मुताबिक दिल्ली से बाहर नहीं जा सकती हैं। 27 वर्षीय जरगर को 10 अप्रैल को दिल्ली दंगों में साजिश के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था।

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