कथित आत्महत्या से पहले पत्रकार तरुण सिसोदिया ने WhatsApp में कहा- मुझे कुछ गड़बड़ लग रहा, मेरा मर्डर हो सकता है

तरुण सिसोदिया में दैनिक भास्कर में दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग, केंद्र का स्वास्थ्य विभाग और एमसीडी की बीट को कवर करते थे....

Update: 2020-07-06 17:30 GMT


नई दिल्ली। दिल्ली के एम्स की आईसीयू में भर्ती कोरोना पॉजिटिव दैनिक भास्कर के पत्रकार तरूण सिसोदिया ने सोमवार 6 जुलाई की दोपहर करीब 2 बजे चौथी मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या की। कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सिसोदिया को 24 जून को हाईडिपेंडेंसी यूनिट (HDU) में शिफ्ट किया गया था।

माना जा रहा है कि सिसोदिया की एचडीयू में शिफ्टिंग एम्स प्रशासन ने इसलिए की, क्योंकि उन्होंने एमसीडी और स्वास्थ्य विभाग, एम्स में मिलने वाली सुविधाओं की WhatsApp ग्रुप में तीखी आलोचना की थी। वहीं एक व्हट्सएप ग्रुप 'खबरें दिल्ली पॉलिटिक्स' में किए उनके आखिरी मैसेज अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। 

द एशियन ऐज के पत्रकार शशि भूषण ने एक व्हट्सएप चैट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, 'पत्रकार तरुण सिसोदिया, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, उन्हें डर था कि अस्पताल में उनकी हत्या कर दी जाएगी और आज उन्होंने अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर आईसीयू की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी।'

इस व्हट्सएप ग्रुप में  तरूण सिसोदिया मैसेज करते हैं,  'हेल्लो सर, मुझे कुछ गड़बड़ लग रहा है। एम्स सीसीआई बता रहे हैं। अपने स्तर पर देखिए क्या बात है। कुछ बड़ा लगता है। इस लोकेशन पर कोई सीनियर नहीं है। किसी को कोई कुछ भी इंजेक्शन दे रहे हैं। प्लीज सर।' इसके जवाब में संतोष सूर्यवंशी नाम का दूसरा यूजर पूछता है- क्या हुआ तरूण जी? आपकी तबियत तो ठीक है ना? इस के बाद तरूण लिखते हैं, ठीक नहीं है, मर्डर हो सकता है।'

तरूण बीते कुछ महीनों से अपने ट्वीटर हैंडल पर काफी सक्रिय थे। डॉक्टरों की सैलरी न मिलने का मुद्दा हो या दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना के मौत के आंकड़ों को छिपाना हो, हर मुद्दे पर तरूण लगातार अपडेट दे रहे थे। 17 मई को एक ट्वीट में उन्होंने वीडियो पोस्ट किया था और लिखा था- 'कोरोना की वजह से अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा जिसकी वजह से अनेक दम तोड़ रहे हैं। इरफान अली को कैंसर का इलाज नहीं मिला तो शनिवार रात वह ज़िंदगी से हार गया। कुछ तो करो सरकार।' 

एक दूसरे ट्वीट में कहा कि दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा सर्दियों में बेहद खराब हो जाती है। सरकार ने प्रदूषण का स्तर मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बनाया हुआ है। मगर इन इलाकों में रहने वाले 84 फीसदी लोगों को इसका मतलब ही नहीं पता।

 डॉक्टरों को सैलरी न मिलने के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने ट्वीट किया था कि सैलरी न मिलने से परेशान हैं @NorthDmc के डॉक्टर। प्रशासन को दी मास इस्तीफे की चेतावनी। डॉक्टर्स ने दिया है कि सप्ताह का वक्त। प्लीज हेल्प। 

तरूण ने एक खबर कोरोना से हो रही दिल्ली में मौतें और मौत के आंकड़ों को लेकर भी प्रकाशित की थी। इस ट्वीट में उन्होंने बताया था कि दिल्ली के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अब तक 2098 डेडबॉडी का अंतिम संस्कार हो चुका है। इसमें साउथ एमसीडी में 1080, नार्थ 976 और ईस्ट में 42 का अंतिम संस्कार हुआ है। साफ है दिल्ली सरकार अभी भी आंकड़े छिपा रही है।

दिल्ली के रोहिणी में सोसायटी द्वारा खुद ही आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने का एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था, 'बेहतरीन कार्य जनता जनार्धन के द्वारा। सबको सीखने की जरूरत है। ऐसे उपाय सब जगह हों तो अस्पतालों की जरूरत ही खत्म हो जाएगी।'


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