मोदी के सांसद रमेश विधूड़ी ने दिल्ली बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसानों को कहा भड़वा और दलाल
रमेश विधूड़ी ने आंदोलनकारी किसानों के पाकिस्तान और कनाडा के पैसों से धरना देने और बढिया भोजन व हर सुविधा मिलने की बात कही है। रमेश विधूड़ी ने कहा है कि गांव में जो पांच-सात भड़वे होते हैं, वही धरने पर बैठे हैं...
जनज्वार। दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद रमेध विधूड़ी ने मोदी सरकार के कृषि कानूनों (Modi Farm Laws) के खिलाफ धरना दे रहे किसानों को भड़वा (Ramesh bidhuri Offensive comment on Farmers) बताया है। रमेश विधूड़ी (Ramesh Bidhuri BJP) ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा है कि दिल्ली को बाॅर्डर पर ढाई सौ - पांच सौ की संख्या में बैठे किसान भड़वे हैं, जबकि बिल के समर्थन में तीन करोड़ किसान हैं।
रमेश विधूड़ी (Ramesh Bidhuri BJP) ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ये बाॅर्डर पर बैठे किसान कनाडा और पाकिस्तान से आए पैसे लेकर बैठे हैं। इनकी संख्या कितनी है - कहीं, 250, कहीं 500 तो कहीं डेढ हजार। कनाडा के आए पैसे के बल पर गांव के जो 5-10-7 भड़वे होते हैं, वे यहां बाॅर्डरों पर बैठे हुए हैं। इनको खाने को फोकट का मिल रहा है, गर्म पानी मिल रहा है, रजाई मिल रही है और इनको मोदी को हटाना है। इसलिए वे यहां धरने पर बैठे हुए हैं।
भाजपा (BJP) के नेता पिछले करीब एक महीने से चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर पहले भी आपत्तिजनक टिप्पणियां कर चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार ने इस आंदोलन को लेकर काह था कि आंदोलन में पाकिस्तान समर्थक और खालिस्तान समर्थक नारे लगते है, किसानों का इससे कोई लेना-देना नहीं है, इस उग्रवादी व राष्ट्रविरोधी ताकतों ने हाइजैक कर लिया है। उन्होंने किसान आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा था कि इसमें गलत तत्व घुस आए। हालांकि इसके बाद इस संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि उन्होंने कभी किसान आंदोलन को राजनीति से प्रेरित नहीं बताया है।
किसान एक महीने से शीतलहर में खुले आकाश के नीचे बैठे हैं
एक ओर जहां भाजपा के नेता किसानों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर सुर्खियां बटोर रहे हैं, वहीं हजारों किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले लगभग करीब एक महीने से खुले आकाश के नीचे बैठे हैं। किसान 26 नवंबर से ही धरने पर बैठे हैं, हालांकि उसके दो-तीन दिन पहले से ही वे अपने घरों से दिल्ली की ओर कूच करना शुरू कर चुके थे। ऐसे में आंदोलन शुरू हुए लगभग एक महीना हो चुका है।
किसानों आज 23 दिसंबर को किसान दिवस के मौके पर एक समय का खाना खाकर अपना विरोध जताएंगे। चौधरी चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस मौके पर किसानों ने विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। किसान नेताओं ने देशवासियों से भी आज एक समय का भोजन नहीं ग्रहण करने का आग्रह किया है।