हाईकोर्ट ने अर्णब गोस्वामी को REPUBLIC टीवी के लिए ट्रेडमार्क 'NEWS HOUR' का इस्तेमाल करने पर लगाई रोक

टाइम्स ग्रुप ने दावा किया था कि यह टैगलाइन वादी के तत्कालीन संपादकीय और मार्केटिंग टीम द्वारा तैयार और विकसित की गई थी, जिसे 'NEWS HOUR' कार्यक्रम पर की गई चर्चाओं और बहसों के दौरान इस्तेमाल किया जाना था....

Update: 2020-10-23 13:38 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को टाइम्स नाउ चैनल की याचिका पर रिपब्लिक टीवी को ट्रेडमार्क 'न्यूज आवर' (News Hour) या किसी ट्रेडमार्क का उपयोग करने पर रोक लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी और उनकी कंपनी एआरजी आउटलेयल मीडिया लिमिटेड की टैगलाइन 'नेशन वांट्स टू नो' (Nation Wants to Know) पर रोक नहीं लगाई है। 

जस्टिस जयंत नाथ की एकल पीठ ने कहा है कि गोस्वामी के नेतृत्व में रिपब्लिक टीवी चैनल किसी भी समाचार के अपने भाषण/प्रस्तुति के हिस्से के रूप में उक्त टैगलाइन का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन यदि वह किसी भी संबंध में ट्रेडमार्क के समान उपयोग करना चाहते हैं, उनके सामान/सेवाओं के तो चैनल को इस तरह के उपयोग के लिए खातों को बनाए रखना होगा।

जबकि वादी कंपनी ने तर्क दिया था कि अभिव्यक्ति का उपयोग ट्रेडमार्क के रूप में किया गया था, अदालत ने कहा कि पार्टियों के बीच साक्ष्य पूरा होने के बाद ही निर्णय लिया जा सकता है। विशेष रूप से गोस्वामी ने दावा किया था कि उपरोक्त टैगलाइन का उपयोग उनके द्वारा वादी-कंपनी में कार्यरत होने पर एक "सामान्य भाषण" के रूप में किया गया था, जिसके लिए कोई इंटेलैक्चुअल प्रोपर्टी नहीं है।

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उन्होंने तर्क दिया कि अभिव्यक्ति 'सहज और रचनात्मक' थी और उन्होंने निवेदन किया कि वादी कंपनी द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में से किसी में भी उसके किसी भी सामान या सेवाओं के निशान का कोई संकेत नहीं दिया है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, टाइम्स ग्रुप ने दावा किया कि यह टैगलाइन वादी के तत्कालीन संपादकीय और मार्केटिंग टीम द्वारा तैयार और विकसित की गई थी, जिसे 'NEWS HOUR' कार्यक्रम पर की गई चर्चाओं और बहसों के दौरान इस्तेमाल किया जाना था। यह भी प्रस्तुत किया गया कि गोस्वामी टाइम्स ग्रुप में अपनी पिछली सेवाओं का 'अनुचित लाभ' लेने की कोशिश कर रहे हैं, जहां वह एडिटर-इन-चीफ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कंपनी की अत्यंत गोपनीय जानकारी के लिए उत्तरदायी थे।

इस पर कोर्ट ने कहा, 'मेरी राय में यह केवल सबूतों से ही पता लगाया जा सकता है कि क्या वादी पूर्वोक्त चिह्न का उपयोग ट्रेडमार्क के रूप में कर रहा था या यह केवल समाचार के संचालन के दौरान चैनल या प्रतिवादी नंबर 2 द्वारा साक्षात्कार/ प्रस्तुतीकरण के दौरान ट्विटर, फेसबुक, आदि पर भाषण द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।'

हालांकि हाईकोर्ट ने गोस्वामी और उनके चैनल को ट्रेडमार्क 'NEWS HOUR' का उपयोग करने से रोक दिया है, क्योंकि यह टाइम्स नाउ का एक पंजीकृत ट्रेडमार्क है।

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