'सांप्रदायिक हिंसा नहीं बल्कि आपसी रंजिश का है मामला', रिंकू शर्मा हत्या प्रकरण पर दिल्ली पुलिस ने कहा
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि यह सांप्रदायिक हिंसा का मामला नहीं है बल्कि आपसी रंजिश का मामला है जिसकी वजह से हत्या हुई है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी की है। इलाके में तनाव को देखते हुए अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रिंकू शर्मा नाम के एक युवक की हत्या कर दी गई। उनकी हत्या के बाद से सोशल मीडिया पर यह बहस छिड़ी हुई है कि यह घटना कैसे हो गई। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर रिंकू शर्मा ट्रेंड कर रहा है जिसमें अधिकांश ट्विटर हैंडल इसे सांप्रदायिक रंग देने में जुट गए हैं। कई ट्वीट्स में बताया जा रहा है कि 'जय श्री राम' कहने और हिंदू होने की वजह से दूसरे समुदाय के लोगों ने रिंकू की हत्या कर दी गई। रिंकू शर्मा के लिए सोशल मीडिया पर न्याय की मांग की जा रही है।
एक ट्वीटर यूजर ने रिंकू शर्मा हैशटैग के साथ लिखा, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हिंदू राष्ट्र की स्थापना ही एकमात्र रास्ता है।
इस मामले पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि यह सांप्रदायिक हिंसा का मामला नहीं है बल्कि आपसी रंजिश का मामला है जिसकी वजह से हत्या हुई है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी की है। इलाके में तनाव को देखते हुए अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
एडिशनल डीएसपी सुधांशू धामा ने बीबीसी को बताया कि 'परसों रात को कुछ लड़के बर्थडे पार्टी के लिए मंगोलपुरी के इलाके में इकट्ठा हुए थे। इसी पार्टी के दौरान इन लोगों के बीच एक रेस्तरां में झगड़ा हुआ। दोनों पक्षों की अलग-अलग हिस्सेदारी थी। मृतक की ऐसी कोई हिस्सेदारी नहीं थी लेकिन सचिन और आकाश इनके मित्र हैं जिनका रेस्तरां था। इसके साथ ही चिगू उर्फ जाहिद ने रोहिणी में एक रेस्तरां खोला था।'
धामा के कहा मृतक रिंकू शर्मा के मित्र का रेस्तरां लॉकडाउन की वजह से बंद हो गया था। इसी मामले में झगड़ा शुरू हुआ था। झगड़ा बढ़ते-बढ़ते चिंगू उर्फ जाहिद वहां से चले गए। इसके बाद वह अपने मामा और तीन चार रिश्तेदारों को लेकर रिंकू के घर पहुंचे थे। जाहिद के मामा दानिश उर्फ़ लाली का घर मृतक के घर की गली में ही था। यहीं पर इनके बीच झगड़ा शुरू हुआ जिसके दौरान रिंकू को चाकू मार दिया गया। इसके बाद रिंकू को अस्पताल ले जाया गया जिसके बाद इलाज के दौरान रिंकू की मृत्यु हो गई।
धामा ने आगे कहा, 'इस मामले में शामिल लोगों को तभी गिरफ़्तार कर लिया गया था, इन चारों का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। अभी तक इस मामले में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल सामने नहीं आया है। ये पूरी तरह एक व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का मामला है। ये लोग एक दूसरे के पड़ोस में रहते थे और एक दूसरे को जानते थे, ऐसे में ऐसी कोई बात नहीं है कि सांप्रदायिक वैमनस्य का मामला हो।'
वहीं दूसरी ओर रिंकू के परिजनों का कहना है कि वह जय श्रीम के नारे लगाता था जिससे आरोपियों (जाहिद, मेहताब, दानिश, ताजुद्दीन और इस्लाम) को आपत्ति थी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक रिंकू के परिवार का आरोप है कि वह बजरंग दल से जुड़ा था और इलाके में जय श्री राम के नारे लगाता था। इस पर आरोपियों को ऐतराज था।
परिवार के मुताबिक रिंकू की हत्या इसलिए की गई की वो 'जय श्री राम' के नारे लगाता था। 5 अगस्त 2020 को रिंकू ने राम मंदिर बनने की खुशी में इलाके में श्री राम रैली भी निकाली थी। तब भी आरोपी पक्ष के लोगों ने ऐतराज जताया था।
रिंकू की मां ने कहा कि तीस से चालीस लोग आए। लाठी, डंडे और चाकू साथ लाए थे। मेरे बेटे को बहुत मारा...जब मारा था तब भी वह जय श्री राम बोल रहा था।
हालांकि दिल्ली पुलिस ने इसे आपसी झगड़ा बताया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने एक बयान में कहा कि 10 फरवरी को देर शाम मंगोलपुरी इलाके में एक रेस्तरां में कुछ लड़के बर्थडे पार्टी मनाने के लिए पहुंचे थे। वहां एक पुराने रेस्तरां का बिजनेस बंद होने को लेकर झगड़ा हुआ, इसके बाद वो चले गए। उनमें सेएक लड़का और झगड़े में शामिल कुछ लड़के दोबारा रिंकू शर्मा के घर पहुंचे और इसी लड़ाई में रिंकू शर्मा को चाकू लगा जिससे उसकी मौत हो गई।
दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि हम हर एंगल से इस घटना की जांच कर रहे हैं। अब तक धार्मिक जैसा मामला हमारी जांच में नहीं आया है।