दिल्ली दंगों के मामले मेें कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग, कोर्ट ने पुलिस से मांगा जवाब

वकील महमूद प्राचा ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने से मना करने पर शिकायतकर्ताओं को कोर्ट जाना पड़ा है, जाकिर मलिक और मोहम्मद रिजवी ने कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दायर करने की मांग है....

Update: 2020-07-13 03:00 GMT

नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी के माह में हुए दंगों के मामले में भाजपा नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने की शिकायत दिल्ली की एक अदालत में की गई, अदालत ने इन याचिकाओं पर अब पुलिस से जवाब मांगा है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत कड़कड़डूमा कोर्ट में दो आवेदन दायर कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी और इसे लेकर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर कहा है कि वे स्टेटस रिपोर्ट दायर करें।

आवेदनकर्ता के वकील महमूद प्राचा ने कहा, 'दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने से मना करने पर शिकायतकर्ताओं को कोर्ट जाना पड़ा है।' जाकिर मलिक और मोहम्मद रिजवी ने कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दायर करने की मांग है। मलिक नेहरू विहार के रहने वाले हैं और रिजवी यमुना विहार के निवासी हैं।

दिल्ली कोर्ट में दायर याचिका में रिजवी ने कहा है कि 23 फरवरी को कुछ लोगों ने क्षेत्र की शांति और सौहार्द को खराब करने की कोशिश की और 20-25 लोगों की भीड़ भड़काऊ नारे लगाते हुए कह रही थी 'कपिल मिश्रा तुम लट्ठ बजाओ हम तुम्हारे साथ हैं। लंबे लंबे लट्ठ बजाओ हम तुम्हारे साथ हैं। मुल्लों पर लट्ठ बजाओ हम तुम्हारे साथ हैं।'

शिकायतकर्ता के आरोप के मुताबिक मिश्रा और उनके कुछ गुर्गे हथियार से लैस होकर इकट्ठा होकर सांप्रदायिक और जातिवादी नारे लगा रहे थे। इन्हीं लोगों ने कर्दमपुरी इलाके में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों पर पत्थरों से हमला किया था।

उन्होंने कहा कि यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ है और हमलावरों को रोकने के बजाय पुलिस उनका समर्थन कर रही थी। इस पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा है, 'कुछ लोग सच से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस तथा मेरे खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करा रहे हैं।'

आरोपों का जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा, 'जब पुलिस उनका बयान दर्ज करने गई, तो पता चला कि उनकी शिकायत में गलत पता दिया गया था। उनका फोन भी नहीं लग रहा था। जांच में उनके द्वारा लगाए गए आरोपों सही साबित नहीं हुए हैं। इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया गया।'

पुलिस ने आगे कहा है कि 23 फरवरी को राजनीतिक नेताओं ने मौजपुर चौक पर भाषण दिया और चले गए… आगे कर्दमपुरी पुलिया में रिजवी शिकायतकर्ता द्वारा वर्णित घटनाएं नहीं हुईं। दूसरे शिकायतकर्ता मलिक ने न्यायालय को बताया कि कपिल मिश्रा उनके डिस्ट्रीब्यूटरशिप को बर्बाद करने और लूटपाट के लिए जिम्मेदार हैं।

इस पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा, 'मैंने जो भी कहा है वो वीडियो में मौजूद है और सभी ने वो वीडियो देखा है। सभी कानूनी विशेषज्ञों ने एक सुर में कहा है कि मैंने उस दिन जो कहा था उसमें कुछ गलत नहीं है। दिल्ली दंगे के षड्यंत्र का खुलासा हो चुका है, कैसे जामिया आदि में दिसंबर से ही हिंसा शुरू हुई… सभी विवरण सार्वजनिक हैं।'

उन्होंने कहा, 'कुछ ताकतें जो सच्चाई से ध्यान हटाना चाहती हैं, वे दिल्ली पुलिस और मेरे खिलाफ झूठी शिकायतें गढ़ने की कोशिश कर रही हैं। मैंने दंगा पीड़ितों की सहायता की थी और यदि आप ग्राउंड पर जाएंगे, तो आप खुद लोगों से वास्तविकता सुनेंगे।'

मोहम्मद रिजवी की याचिका पर अब 13 अगस्त और जाकिर मलिक की याचिका पर 20 जुलाई को सुनवाई होनी है।

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