दिल्ली दंगे में मारे गये सिपाही के आरोपियों में योगेंद्र यादव का नाम नहीं, मगर चार्जशीट में जिक्र

सिपाही रतनलाल पर भीड़ ने जब हमला किया था तो वे डिवाइडर पार कर नहीं भाग सके और हिंसा के शिकार हो गए

Update: 2020-06-22 02:30 GMT

जनज्वार। इस साल के फरवरी महीने में दिल्ली में भड़के दंगा और उस दौरान कांस्टेबल रतन लाल की हुई हत्या को मामले में दायर की गई चार्जशीट में स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव का भी नाम है। इस चार्जशीट में योगेंद्र यादव के साथ छात्र नेता कंवल प्रीत कौर और वकील डीएस बिंद्रा का नाम है। हालांकि तीनों का नाम 17 आरोपियों की सूची में नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चार्जशीट में कहा गया है कि चांद बाग धरना प्रदर्शन के आयोजकों के लिंक डीएस बिंद्रा, कंवलप्रीत कौर, देवेंद्र कालिता, सफूरा, योगेंद्र यादव आदि के साथ थे, जो कि साफ इशारा करते हैं हिंसा के पीछे कुछ छिपा हुआ एजेंडा था।

पुलिस के अनुसार, चांदबाग में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत जनवरी के मध्य में हुई थी। चार्जशीट के अनुसार, 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए, जिनमें 750 मामले दर्ज किए गए। दंगों के दौरान 53 लोगों की जान गई जिनमें दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल भी शामिल हैं।

चार्जशीट के अनुसार, रतन लाल गोकुलपुरी के एसीपी और शाहदरा के डीसीपी के साथ घटनास्थल पर मौजूद थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। रतन लाल वजीराबाद रोड पर लगे डिवाइडर को कूद कर पार नहीं कर सके और गोली लगने से उनकी मौत हो गई। बताया यह भी जाता है कि उन्हें लाठी डंडों से पीटा गया और जीटीबी अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। चार्टशीट में गोली लगने से उनकी मौत की बात कही गई है इसके साथ उनके शरीर में 21 जगह चोट के निशान भी थे।

दिल्ली पुलिस ने आठ जून को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राकेश कुमार के समक्ष यह चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में 18 से 50 की उम्र के 17 आरोपी बनाए गए हैं जिसमें से अधिकतर चांदबाग के ही हैं। कुछ प्रेमनगर, मुस्तफाबाद और जगतपुरी के भी हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में योगेंद्र यादव ने कहा है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है वह पब्लिक डोमेन में है और कोई एक घटना बता दीजिए कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मैंने हिंसा भड़काने की बात कही।

वकील डीएस बिंद्रा पर साजिश रचने का आरोप है। उन्होंने कहा कि वह चांदबाग में सिर्फ लंगर चला रहे थे, ऐसे में वे हिंसा के लिए कैसे जिम्मेवार हो सकते हैं।

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