किसान नेता दूध-जलेबी खाकर सरकार से वार्ता के लिए पहुंचे विज्ञान भवन, दर्शनपाल ने कहा मुझे समाधान की उम्मीद कम

किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि मुझे समाधान की उम्मीद कम ही नजर आती है, इससे पहले किसानों ने आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा होने की स्थिति में आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी थी.....

Update: 2021-01-04 07:20 GMT

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नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज 40वां दिन है। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान अब भी आंदोलनरत हैं। केंद्र सरकार के साथ छह दौर की वार्ता के बाद किसानों की मांगे पूरी नहीं हो पाई हैं, हालाकिं छठे दौर की वार्ता में किसानों की दो मांगों पर ही नतीजा आया था। आज सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बैठक है। किसान दूध-जलेबी खाकर वार्ता के लिए विज्ञान भवन पहुंच गए हैं। 

किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि मुझे समाधान की उम्मीद कम ही नजर आती है। दर्शनपाल ने कहा कि सरकार इस कड़ाके की सर्दी में हमारे धैर्य की बहुत परीक्षा ले चुकी है। अगर अब भी सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है, तो हमारे पास अपने मोर्चों से आगे बढ़ दिल्ली में प्रवेश करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचता है। इसके साथ ही अगर सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो गणतंत्र दिवस पर किसान दिल्ली में टैक्ट्रर लाकर किसान गणतंत्र परेड करेंगे।

बता दें कि इससे पहले किसानों ने आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा होने की स्थिति में आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। आज आठवें दौर की बैठक के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और अन्य मंत्री भी विज्ञान भवन पहुंचने वाले हैं।

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इससे पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दर्शनपाल ने कहा था कि प्रस्तावित परेड 'किसान परेड' के नाम से होगी और यह गणतंत्र दिवस परेड के बाद शुरू होगी। किसान नेता योगेंद्र यादव ने इस दौरान कहा कि सरकार का किसानोंकी पचास प्रतिशत मांगो को स्वीकार करने का दावा सरासर झूठ है।

किसान सरकार के सामने अपनी चार प्रमुख मांगों लेकर डटे हुए हैं। किसानों की चार मांगे निम्नवत हैं-

  1. तीन कृषि कानूनों में संशोधन नहीं, इन्हें रद्द करने पर चर्चा हो।
  2. राष्ट्रीय किसान आयोग के सुझाए एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान पर चर्चा हो।
  3. एनसीआर व आसपास के क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता के प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 में ऐसे संशोधन जिनमें किसानों पर दंड के प्रावधान हैं उन पर चर्चा हो।
  4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे में जरूरी बदलाव पर चर्चा हो।
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