गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारियों के सर्मथन में चलती फिरती झोपड़ी लेकर पहुंचा हरियाणा का किसान
रोहतक जिले के निवासी सोनू ने बताया, "किसानों के समर्थन में हम यहां पहुंचे हुए हैं, इस झोपड़ी में सभी सुविधा मुहैया कराई गई है, इसमें सोलर सिस्टम लगा हुआ है जिससे कि इसमें लाइट और म्यूडिक सिस्टम चलता है।"
गाजीपुर बॉर्डर। कृषि कानून के खिलाफ करीब तीन महीने से सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर हरियाणा के रोहतक जिले से एक किसान चलती फिरती झोपड़ी लेकर किसानों के समर्थन में पहुंचा हुआ है।
इस झोपड़ी की खासियत ये है कि इसे एक ऑटो के ऊपर बसाया गया है, इसमें सोलर सिस्टम भी है, जिससे पंखा, लाइट और म्यूजिक सिस्टम चल सकें। वहीं इसे एक जगह से दूसरी जगह भी आसानी ले जाया सकता है।
रोहतक जिले के निवासी सोनू ने बताया, "किसानों के समर्थन में हम यहां पहुंचे हुए हैं, इस झोपड़ी में सभी सुविधा मुहैया कराई गई है, इसमें सोलर सिस्टम लगा हुआ है जिससे कि इसमें लाइट और म्यूडिक सिस्टम चलता है।"
उन्होंने कहा, "रोशनी के लिए एक बल्ब लगा रखा है, वहीं पंखे की भी व्यवस्था की गई है। हम सिंघु बॉर्डर , टिकरी और अन्य बॉर्डर पर भी हो कर आ चुके हैं।"
हालांकि जब झोंपडी के मालिक से पूछा गया कि क्या इसे पुलिस नहीं रोकती ? तो इसके जवाब में सोनू ने कहा कि कोई नहीं रोकता बल्कि सड़को पर चल रहे लोगों को ये काफी पंसद आती है।
झोपड़ी के साथ आए किसानों का कहना है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होगा तब तक हम ऐसे ही बॉर्डर पर घूमते रहेंगे।
सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। दूसरी ओर फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार हैं, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं।
दरअसल तीन नए अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।