लालकिले पर किसानों ने फहराया तिरंगा तो भक्तों ने सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराया #दिल्ली_पुलिस_लठ_बजाओ

सोशल मीडिया पर किसानों के लाल किला में प्रवेश करने और झंडा फहराने की तुलना मोदी समर्थक मुबई आतंकी हमले और स्वर्ण मंदिर हमले से करते हुए दिल्ली पुलिस व अमित शाह से कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और अपनी मांग के समर्थन में सोशल मीडिया पर #दिल्ली_पुलिस_लठ_बजाओ ट्रेंड कराया है...

Update: 2021-01-26 09:38 GMT
[ फोटो : जनज्वार डॉट कॉम ]

जनज्वार। किसान आंदोलन में शामिल किसानों ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में लालकिला पर तिरंगा फहरा दिया। किसान प्रदर्शकारियों ने आज सुबह किसान गणतंत्र परेड निकाला था और वे सुबह पुलिस बैरिकेड तोड़ कर दिल्ली के अंदर प्रवेश कर गए। इस बीच उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। इसके बाद किसान प्रदर्शनकारी प्रगति मैदान, आइटीओ और लाल किला पहुंचे। लाल किला पहुंचने पर किसानों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया।

किसानों के आंदोलन में शामिल कुछ लोगों द्वारा कुछके जगहों पर हिंसक कार्रवाइयां की गयी लेकिन मोटे तौर पर उनका विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। हालांकि इस बीच किसान आंदोलन के विरोधियों व मोदी सरकार समर्थकों ने दिल्ली पुलिस का पक्ष लिया और किसानों के खिलाफ #दिल्ली_पुलिस_लठ_बजाओ सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराया।

हद तो तब हो गयी जब कई लोगों ने इसकी तुलना 26/11 मुंबई हमले व स्वर्ण मंदिर हमले से कर दी गयी और कसाब का फोटो लगाते हुए आतंकियों से इनकी तुलना कर दी गयी। अजय डोरिया के नाम के एक ट्विटर एकाउंट से लिखा गया कि वे किसान नहीं हैं और इन्होंने आज 26 11 याद करा दिया। इस ट्वीट के लिए खालिस्तानी टेरेरिस्ट हैशटैग का प्रयोग किया गया।

अमित कुमार नाम के एकाउंट से लिखा गया - ये खुद को उजागर कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि यह शांतिपूर्ण किसान प्रदर्शन नहीं है, लाल किला पर यह खालिस्तानी झंडा लगा है। इस यूजर ने इसके साथ एक वीडियो शेयर किया।

श्रेया चैधरी नाम के एक ट्विटर एकाउंट से लिखा गया कि देखते ही गोली मारो यही एकमात्र विकल्प है। प्रियंवदा नाम के ट्विटर एकाउंट से लिखा गया: हिम्मत देखो इनकी, भारतीय झंडा उतारा दिया...भारतीय ध्वज का हमारे लिए बहुत कुछ मतलब है, भारत का झंहा हमारी जान है, हमारा दिल है। बहुत हो गया। अब एक्शन लेंगे मोटा भाई अमित शाह।

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