गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने 'रागिनी' गा कर किया कृषि कानूनों का विरोध
किसानों ने रागिनी गाकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, वहीं रागिनी को सुनने के लिए राहगीरों ने भी अपनी गाड़ी को रोक कर किसानों को गाते हुए सुना और कुछ लोगों ने तो फ्लाईओवर से पैसे फेंक कर किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया.....
गाजीपुर बॉर्डर। कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराने के लिए रागिनी गाना शुरू कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर सोमवार को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे किसानों की एक मंडली सड़कों पर ही बैठ गई और रागिनी गाना शुरू कर दिया। दरअसल रागिनी एक तरह के गाने होते है जिन्हें गांव के लोग सुनना पसंद करते हैं। इसमें मुहावरों को गाकर अपनी बात रखी जाती है।
किसानों ने रागिनी गाकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वहीं रागिनी को सुनने के लिए राहगीरों ने भी अपनी गाड़ी को रोक कर किसानों को गाते हुए सुना और कुछ लोगों ने तो फ्लाईओवर से पैसे फेंक कर किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया।
गाजीपुर बॉर्डर पर आए किसानों की संख्या फिलहाल ज्यादा नहीं है। लेकिन लगातार हो रहे प्रदर्शन में मेरठ, मुजफ्फरनगर गौतमबुद्ध नगर और अन्य जिलों और शहरों से किसान अपना समर्थन देने के लिए गाजीपुर बॉर्डर आ रहे हैं।
किसान केन्द्र सरकार के 3 नए कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। इसी के तहत वो दिल्ली जा कर अपना विरोध दर्ज कराना चाहते हैं। लेकिन इनको बॉर्डर पर रोक दिया गया है।
देश के करीब 500 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया। इन सभी संगठनों के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर डेरा बनाए हुए हैं। किसानों की मांग है कि इन तीनों कानूनों को केंद्र सरकार वापस ले।