देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का कैसे होगा कायाकल्प, सामने आया प्रशांत किशोर का प्लान
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को कभी मरने नहीं दिया जा सकता, यह सिर्फ राष्ट्र के साथ मर सकती है।
नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी Congress सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। हाल ही में संपन्न पांच राज्यों की विधानसभाओं में से एक भी जीत हासिल न कर पाने की मजबूरी ने पार्टी को आत्ममंथन करने के लिए मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि चुनाव परिणामों के बाद से गांधी परिवार और कुछ नेता काफी सक्रिय हो गए हैं। पार्टी आलाकमान के सामने अहम समस्या यह है कि पार्टी का कायाकल्प कैसे हो, कैसे पार्टी को फिर से मजबूती मिले?
इन सब सवालों को लेकर जारी मंथन के बीच पार्टी ने एक बार फिर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ( Prashant Kishore ) को याद किया है। पीके भी कांग्रेस से जुड़कर देश की राजनीति को नया मोड़ देना चाहते हैं। पीके ने एक प्लान 2021 में भी कांग्रेस के सामने रखा था, लेकिन उस समय दोनों के बीच बात नहीं बन पाई थी।
अब कांग्रेस ( Congress ) सियासी नजरिए से बेचारगी की स्थिति में हैं, प्रशांत के पास भी बतौर रणनीतिक बहुत कुछ करने को नहीं है। हालांकि, वो अपनी सूझबूझ से सियासी हलचल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसमें उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है।
इन सबके बीच प्रशांत किशोर ( Prashant Kishore ) और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) समेत कई बड़े नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं। कुछ दिनों पहले ही प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसे बेहतर किया जा सकता है, इसे लेकर प्रेजेंटेशन भी दिया था। अब प्रशांत किशोर के प्लान का ब्लू प्रिंट पब्लिक डोमेन में लगभग आ गया है।
कांग्रेस सिर्फ राष्ट्र के साथ मर सकती है
फिलहाल, प्रशांत किशोर ( Prashant Kishore ) 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसे बेहतर किया जा सकता है को लेकर अपने प्लान पर तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं। जानकारी के मुताबिाक पीके ने सोनिया गांधी को ये पीपीटी जून 2021 में सौंपी थी। उन्होंने प्रेजेंटेशन की शुरुआत महात्मा गांधी के कोट ''The Indian National Congress… cannot be allowed to die, it can only die with the nation'' से की है। यानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को कभी मरने नहीं दिया जा सकता, यह सिर्फ राष्ट्र के साथ मर सकती है।
पीपीटी में क्या है?
इसके अलावा पीके ने पीपीटी में भारत की जनसंख्या, वोटर, विधानसभा सीटें, लोकसभा सीटों तक के आंकड़े पेश किए हैं। उन्होंने महिलाओं, युवाओं, किसान और छोटे व्यापारियों की संख्या तक का जिक्र किया है। इसमें 2024 में 13 करोड़ फर्स्ट टाइम वोटरों पर भी फोकस किया गया है।
ताजा प्रेजेंटेशन में प्रशांत किशोर ने बताया कि अभी कांग्रेस के राज्यसभा और लोकसभा में 90 सांसद हैं। विधानसभाओं में 800 विधायक हैं। कांग्रेस की दो राज्यों में सरकार है। 3 में कांग्रेस सहयोगी दलों के साथ सरकार में है। 13 राज्यों में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। 3 राज्यों में कांग्रेस सहयोगियों के साथ मुख्य विपक्षी की भूमिका में है।
कांग्रेस के लिए क्या करना जरूरी है?
चुनावी रणनीतिकार पीके का कहना है कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए 5 रणनीतिक कदम उठाने होंगे। इनमें पहला नेतृत्व के मुद्दे को हल करना, दूसरा गठबंधन से जुड़े मुद्दे को सुलझाना, पार्टी के पुराने सिद्धांतों पर लौटना, जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं की फौज तैयार करना और पांचवां कांग्रेस के कम्युनिकेशन सिस्टम में बदलाव करने की जरूरत पर बल देना होगा।
कांग्रेस को 3 विकल्पों में एक का करना होगा चयन
भाजपा को मात देने के लिए पीके ने कांग्रेस को तीन विकल्प सुझाए हैं। पहली स्थिति में कांग्रेस ( Congress ) पूरे देश में सिर्फ अकेले चुनाव लड़े। दूसरी स्थिति में कांग्रेस भाजपा और मोदी को हराने के लिए सभी पार्टियों के साथ आए और यूपीए को मजबूत किया जाए। तीसरी स्थिति ये है कि कुछ जगहों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े और कुछ जगहों पर सहयोगियों के साथ मिलकर लड़े।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही है। इन सब चुनौतियों से निपटने के लिए कांग्रेस ने रणनीतिकार प्रशांत किशोर से हाथ मिलाया है। प्रशांत किशोर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई बड़े नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं।