पत्रकार मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी पर अंतरराष्ट्रीय संस्था ने जतायी चिंता, किसान मोर्चा का दावा - 100 किसान भी हैं लापता
पत्रकारोें के हितों की रक्षा करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को कवर कर रहे पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह को हिरासत में लिए जाने पर चिंता जतायी है। सीपीआइ ने मांग की है कि दोनों पत्रकारों को अविलंब रिहा किया जाए और प्राधिकारियों को पत्रकारों को बिना हस्तक्षेप के उनका काम करने देना चाहिए।
जनज्वार। सिंघु बाॅर्डर पर लगातार किसान आंदोलन को कवर कर रहे दो पत्रकारों को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है। इसके बाद इनको रिहा करने के लिए पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है। पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र को हिरासत में लिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर पत्रकार इसका तीखा विरोध कर रहे हैं और उनको रिहा करने की मांग कर रहे हैं।
पत्रकार रणविजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि दो पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र को सिंघु बाॅर्डर से पुलिस ने डिटेन किया है। किसी को जानकारी नहीं हैं दोनों पत्रकार कहां हैं। परिवार और मित्र परेशान हैं।
मनदीप पुनिया को पुलिस द्वारा उठाये जाने के बाद इस संबंध में शनिवार की रात अलीपुर पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत एक एफआइआर दर्ज करायी गयी है।
पत्रकार रवीश रंजन शुक्ल व कई अन्य पत्रकारों ने इसे नए खेल की शुरुआत बताया है और दोनों पत्रकारों को तुरंत रिहा करने की मांग की है।
पत्रकारोें के हितों की रक्षा करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को कवर कर रहे पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह को हिरासत में लिए जाने पर चिंता जतायी है। सीपीआइ ने मांग की है कि दोनों पत्रकारों को अविलंब रिहा किया जाए और प्राधिकारियों को पत्रकारों को बिना हस्तक्षेप के उनका काम करने देना चाहिए।
पत्रकार व फिल्मकार विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए सवाल उठाया है कि क्या मनदीप को इसलिए गिरफ्तार किया है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस को बेनकाब किया था और खुलासा किया था कि किसानों पर हमले में बीजेपी के लोगों का हाथ हैं। पत्रकार दिलीप मंडल ने भी दोनों पत्रकारों को रिहा करने की मांग की है।
ट्रैक्टर मार्च के के बाद से लापता है 100 किसान
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के बाद से 100 किसान गायब हैं। रविवार की सुबह आंदोलनरत किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि गणतंत्र दिवस के ट्रैक्टर परेड के बाद 100 किसान लापता हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने सवाल पूछा है कि क्या यह जानबूझ कर किया जा रहा है।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर मार्च निकाला था जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। हालांकि कुछ तत्वों की वजह व पुलिसिया कार्रवाई से यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
किसान मोर्चा ने किसानों को परेशान करने के लिए और उनके आंदोलन को खत्म करने के लिए पुलिस व भाजपा कार्यकर्ताओं में साठगांठ का आरोप लगाया है और इसको लेकर एक वीडियो शेयर किया है।