Jahangirpuri में अभी नहीं चलेगा बुल्डोजर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद होगा तोड़फोड़ पर फैसला
शीर्ष अदालत के रुख से साफ है कि अभी जहांगीरपुरी में बुल्डोजर नहीं चलेगा। यानि अतिक्रमण विरोधी एजेंसियों को अपनी योजनाओं पर अमल करने के लिए अदालत की ओर से अंतिम आदेश आने तक का इंतजार करना होगा।
नई दिल्ली। हनुमान जयंती यानि 16 अप्रैल को शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा ( jahangirpuri Violence ) के बाद एनडीएमसी ( NDMC ) ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया था। दूसरी तरफ एमसीडी ( MCD ) की बुलडोजर ( Jahangirpuri Bulldozer ) वाली कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ( Supreme Court ) ने आगामी फैसला आने तक यथास्थिति बनाए रखने का संबंधित एजेंसियों को आदेश दिए हैं। अदालत के इस रुख से साफ है कि अभी जहांगीरपुरी में बुल्डोजर ( Bulldozer ) नहीं चलेगा। यानि अतिक्रमण विरोधी एजेंसियों को अपनी योजनाओं पर अमल करने के लिए अदालत की ओर से अंतिम आदेश आने तक का इंतजार करना होगा।
सबकी राय जानना जरूरी
दरअसल, अब अतिक्रमण विरोधी अभियान ( anti encroachment drive ) चलेगा या नहीं इस बात की चर्चा उस समय से सुर्खियों में है जब से सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने एनडीएमसी की बुलडोजर कार्रवाई को रोकने का आदेश दिया था। अवैध निर्माण के खिलाफ इस अभियान को लेकर एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि सब कुछ नियमानुसार हो रहा है। अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया गया था। अतिक्रमण विरोधी अभियान पहले से जारी हैं, लेकिन अदालत ने इस दलील को खारिज किए बिना कहा है कि इस मामले पर हम गंभीरता से विचार कर रहे हैं। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद इस पर अपना रुख साफ करेंगे। तब तक आप आगे की कार्रवाई नहीं कर सकते।
फिलहाल, बुलडोजर कार्रवाई रोक जारी रहेगा, ऐसा इसलिए कि सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने निगम की कार्रवाई पर नाराजगी भी जताई है। अदालत ने कहा कि बुलडोजर ( Bulldozer ) की कार्रवाई पर रोक का आदेश देने के बावजूद एनडीएमसी ( NDMC ) ने कार्रवाई तत्काल क्यों नहीं रोकी। हमारे लिए यह एक गंभीर विषय है। फिर, इस बात पर भी गौर फरमाना जरूरी है कि कहीं कार्रवाई एकतरफा तो नहीं।
एमसीडी को घर गिराने का कोई हक नहीं
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे गुरुवार को जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से दलील रखते हुए कहा कि हिंदुस्तान का कानून यह कहता है कि किसी ने अगर पत्थरबाजी की भी हो तो आप किसी का घर नहीं गिरा सकते, उसे सजा दे सकते हैं। जमीयत उलमा ए हिंद की ओर से पेश हुए दवे ने अदालत से कहा था कि एमसीडी की कार्रवाई पूरी तरह से अनधिकृत, असंवैधानिक, विध्वंसक है जिसे अब दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में चलाने का आदेश दिया गया है। खासबात यह है कि उसी इलाके में हिंसक घटनाएं हुई हैं।
विशेष समुदाय को निशाना बनाने का आरोप
जमीयत उलेमा ए हिंद ने भाजपा शासित विभिन्न राज्यों में घरों और दुकानों को गिराने के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उसका कहना है कि अपराध रोकने की बात कहते हुए अल्पसंख्यकों खासतौर से मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।