दैनिक भास्कर के पत्रकार ने की AIIMS में आत्महत्या, पर सवाल ये कि ICU में ये सब कैसे हुआ

फरवरी में ब्रेन की सर्जरी हुई और उससे पहले दिसंबर महीने में एक्सीडेंट हुआ था, भास्कर के दफ्तर में भी पत्रकार की स्थिति तनावपूर्ण थी, नौकरी से हटाए जाने को लेकर दबाव की बातें भी सामने आ रही हैं...

Update: 2020-07-06 13:49 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान की चौथी मंजिल से कूदने वाले पत्रकार तरूण सिसोदिया की मौत हो गई है। उनका अस्पताल में कोरोना का इलाज चल रहा था। तरूण सिसोदिया बीते अप्रैल के महीने में ही एक बेटी के पिता बने थे। कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सिसोदिया को 24 जून को हाईडिपेंडेंसी यूनिट (HDU) में शिफ्ट किया गया था। माना जा रहा है कि सिसोदिया की एचडीयू में शिफ्टिंग एम्स प्रशासन ने इसलिए की क्योंकि उन्होंने एमसीडी और स्वास्थ्य विभाग के पत्रकारों वाले व्ट्सएप ग्रुप में एम्स में मिलने वाली सुविधाओं की तीखी आलोचना की थी। 

उनकी मौत के बाद अब कई सवाल खड़े होने लगे हैं। सोशल मीडिया उनके ही साथी पवन कुमार शर्मा ने एक पोस्ट साझा की जिसमें उन्होंने सवाल उठाए हैं कि 5 दिन से उसे ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी, बिना ऑक्सीजन के इलाज रहा था फिर भी उसे आईसीयू में क्यों रखा गया? जब आईसीयू में भर्ती थे तो चौथे फ्लोर पर कैसे पहुँचा और शीशा तोड़ कर कूदा ? आईसीयू में पांच दिन से वह अपने बच्चों और परिजनों से बातचीत करना चाहता था, बात क्यों नहीं कराई गई? क्या मोबाइल छीनकर रख लिया गया था? वरिष्ठ पत्रकार शिशिर सोनी ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से इन सवालों को उठाया है।

पवन ने लिखा है कि वह इलाज को लेकर कई बार शिकायत भी कर चुका था। उसके इलाज में कोताही बरती जा रही थी। उसने आवाज उठाई तो मामला स्वास्थ्य मंत्रालय तक पहुंचा। ट्रामा सेंटर प्रशासन ने उसके फोन को जब्त करने के लिए सिंपल प्लान चौक आउट किया और वह था तरुण को आईसीयू में शिफ्ट कर देना। ताकि उसका फोन अलग किया जा सके और वह आगे की शिकायत न कर सके और अंदर की अव्यस्था की कहानी बाहर न जा सके।

उन्होंने आगे लिखा, वह अपने परिजनों मसलन पैरंट्स और बीबी से बातचीत की गुहार लगाता रहा लेकिन उसे बात नही करने दिया गया और उसके बाद यह घटना सामने आती है। ये बहुत गंभीर मामला है। किसी के भी साथ ऐसा होना अमानवीय है।

उनके निधन पर सोशल मीडिया उनके साथी पत्रकार और जानने वाले दुख जता रहे हैं। अरे यह क्या हो गया?? तरुण का चेहरा बार आंखों के सामने आ रहा है। इतना जिंदादिल इंसान ऐसा कदम कैसे उठा सकता है। लॉकडाउन से पहले ही तो तरुण से कांस्टीट्यूशन क्लब में मुलाकात हुई थी।

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फेसबुक यूजर बिक्रम सिंह ने लिखा, 'पत्रकार का नाम तरुण सिसोदिया बताया जा रहा है। ये दैनिक भास्कर के दिल्ली आफिस में बतौर रिपोर्टर कार्यरत थे। तरुण सिसोदिया की उम्र 34 साल बताई जा रही है। तरुण जब एम्स की चौथी मंजिल से कूदे तो बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें पूरे शरीर में कई जगह चोट लगी, फ्रैक्चर हुए। उनका इलाज शुरू किया गया। अब खबर आई है कि उनकी मौत हो गई है। उधर कहा जा रहा है कि तरुण दोहरे डिप्रेशन में आ गए थे। उन्हें कोरोना तो हुआ ही, दैनिक भास्कर से छंटनी की आशंका थी। दैनिक भास्कर प्रबंधन तेजी से अपने कर्मियों की नौकरियां ले रहा है। तरुण सिसोदिया का भी नंबर आने वाला था। तरुण सिसोदिया के फेसबुक प्रोफाइल से पता चलता है कि वे शादीशुदा हैं। उनकी एक छोटी-सी बेटी भी है।'

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द एशियन ऐज के पत्रकार शशि भूषण ने एक व्हट्सएप चैट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, 'पत्रकार तरुण सिसोदिया, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, उन्हें डर था कि अस्पताल में उनकी हत्या कर दी जाएगी और आज उन्होंने अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर आईसीयू की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी।' तरूण सिसोदिया में भास्कर में दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग, केंद्र का स्वास्थ्य विभाग और एमसीडी को कवर करते थे। 


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