AIIMS में आत्महत्या करने वाले पत्रकार तरूण सिसोदिया ने खुद खबर लिखी थी 'आत्महत्या नहीं है समाधान'
कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सिसोदिया को 24 जून को हाईडिपेंडेंसी यूनिट में शिफ्ट किया गया था, सिसोदिया ने एमसीडी और स्वास्थ्य विभाग के पत्रकारों वाले व्ट्सएप ग्रुप में एम्स में मिलने वाली सुविधाओं की तीखी आलोचना की थी....
नई दिल्ली। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद दिल्ली के एम्स के आईसीयू में भर्ती दैनिक भास्कर के पत्रकार तरूण सिसोदिया ने सोमवार को अस्पताल की चौथी मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। सिसोदिया बीते कुछ सालों से सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थे। अपनी मौत से पहले ट्विटर पर वह लगातार कोरोना से जुड़े मुद्दों को उठा रहे थे। आत्महत्या की जिन खबरों को कभी तरूण सिसोदिया अखबार में प्रकाशित किया करते थे, किसको मालूम था कि वह भी खुद कथित आत्महत्या के कारण अखबार की खबर बन जाएंगे।
सिसोदिया ने बीते साल 10 सितंबर को अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से दैनिक भास्कर की एक खबर को प्रकाशित को साझा किया था। संभवत: इस खबर को लिखने के पीछे उनकी मेहनत रही होगी। खास बात यह है कि यह खबर आत्महत्या को लेकर केंद्रित थी। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के मौके पर यह खबर प्रकाशित की गई थी। जिसमें आत्महत्या के कारणों और समाधानों का जिक्र किया गया था।
सिसोदिया ने इस खबर को शेयर करते हुए लिखा था, परेशानियों से भागकर आत्महत्या कर लेना नहीं है समाधान। समस्या का सामना करने के बाद खुला है आसमान। आत्महत्या की कोशिश करने के बाद बच गए बहुत लोग आज सफल हैं और आगे बढ़ गए हैं। उन सफल लोगों की कहानी।
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने अपना ही यह ट्वीट रिट्वीट किया और लिखा था, हर चालीस सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर मौत को गले लगा रहा। जीने की आस छोड़ चुके लोगों की कहानी। हालांकि सिसोदिया की यह खबर कोरोना से हो रहे आत्महत्याओं के जुड़ी नहीं थी। तरूण सिसोदिया में भास्कर में दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग, केंद्र का स्वास्थ्य विभाग और एमसीडी को कवर करते थे। बीते अप्रैल के महीने में ही वह एक बेटी के पिता बने थे।
कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सिसोदिया को 24 जून को हाईडिपेंडेंसी यूनिट (HDU) में शिफ्ट किया गया था। माना जा रहा है कि सिसोदिया की एचडीयू में शिफ्टिंग एम्स प्रशासन ने इसलिए की क्योंकि उन्होंने एमसीडी और स्वास्थ्य विभाग के पत्रकारों वाले व्ट्सएप ग्रुप में एम्स में मिलने वाली सुविधाओं की तीखी आलोचना की थी।