एनजीटी के आदेश का नहीं हो पाया पालन, दिल्ली में फूटे इतने पटाखे की बढ गया प्रदूषण का स्तर

दिल्ली में पटाखे नहीं फोड़ने के एनजीटी के आदेश का पालन नहीं हो सका, इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ गया...

Update: 2020-11-15 04:09 GMT

जनज्वार। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पिछले दिनों दिवाली में पटाखे फोड़ने को लेकर गाइडलाइन जारी किया था, लेकिन इसका कहीं पालन नहीं हो पाया। खासकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मे इस आदेश का पालन बिल्कुल नहीं हो सकता। दिल्ली में शनिवार को दिवाली के मौके पर इतने पटाखे फोड़े गए कि प्रदूषण का स्तर बढ गया।


मालूम हो कि एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि प्रदूषष व उससे कोरोना को खतरे को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर सहित वैसे शहरों जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है, वहां सिर्फ हरित पटाखे फोड़े जा सकेंगे, जबकि देश के अन्य शहरों में सिर्फ दो घंटे रात आठ बजे से 10 बजे तक पटाखे फोड़े जाएंगे, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो पाया।

दीपावली के मौके पर दिल्ली में लोग इस पर्व को लेकर अपने उत्साह को रोक नहीं पाए और हर हिस्से में खूब पटाखे फोड़े गए। एनजीटी ने 30 नवंबर तक पटाखे फोड़ने पर रोक लगायी थी और कहा था कि आगे के बारे में हालात की समीक्षा कर गाइडलाइन जारी किया जाएगा।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, दिवाली की रात वायु वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर पर आनंद विहार में 481, आइजीआइ हवाई अड्डे के क्षेत्र में 444 में, आइटीओ में 457 और लोधी रोड क्षेत्र में 414 दर्ज किया गया जो वायु प्रदूषण के गंभीर श्रेणी के अंतर्गत आता है।

न्यूज एजेंसी एएनआइ ने दिल्ली के कई इलाकों में पटाखे फोड़ने की तसवीरें जारी की है। साथ ही अलग-अलग हिस्सों में पटाखों के कारण प्रदूषण के स्तर बढने की तसवीरें भी जारी की गईं हैं।

एनजीटी के आदेश के अतिरिक्त उत्तरप्रदेश सरकार ने भी अपने राज्य में कई शहरों में पटाखे फोड़ने पर रोक लगायी थी। उत्तरप्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर, लखनउ, मुराबादबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत व बुलंदशहर में नवंबर अंत तक पटाखे फोड़ने पर रोक लगायी थी, जिसका राज्य में पालन नहीं हो सका और लोगों ने खूब पटाखे फोड़े।



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