प्रदर्शन स्थल पर सिर्फ युवा ही नहीं, 80 की उम्र से अधिक की प्रदर्शनकारी भी मौजूद
राजीव चौधरी नाम के एक अन्य 80 वर्ष से अधिक उम्र के एक बुजुर्ग ने कहा, "वे पिछले ढाई महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं, सरकार को अब उनकी मांगों को मांग लेना चाहिए।"
नई दिल्ली। दिल्ली-उत्तरप्रदेश सीमा पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में केवल युवा ही भाग नहीं ले रहे हैं, बल्कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के किसान भी गाजीपुर सीमा पर डटे हुए हैं।
बीकेयू से जुड़े खेम चंद नाम के एक ऐसे ही किसान ने कहा, "हमें इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है।" उनके इस बात से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि उम्र इस किसान के लिए कोई मायने नहीं रखती है।
एक अन्य वृद्ध किसान ने बताया कि केंद्र सरकार को अंतत: उनकी मांगों को स्वीकार करना होगा।
इस बुजुर्ग के उत्साह को देखकर यही लगता है कि इस क्षेत्र में पड़ रही कड़ाके की ठंड उनका हौसला नहीं डिगा सकी, और उनके लिए उम्र सिर्फ एक संख्या है।
राजीव चौधरी नाम के एक अन्य 80 वर्ष से अधिक उम्र के एक बुजुर्ग ने कहा, "वे पिछले ढाई महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं, सरकार को अब उनकी मांगों को मांग लेना चाहिए।"