पुलिस ने हिरासत में ली शाहीनबाग की बिलकिस दादी, किसानों को समर्थन देने पहुंची थी सिंघु बॉर्डर

शाहीन बाग की दादी के रूप में मशहूर हुईं बिल्किस केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नागरकिता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध शाहीन बाग में चले धरने का चेहरा बन गई थीं....

Update: 2020-12-01 12:49 GMT

नई दिल्ली। सीएए-एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग बाग आंदोलन से सुर्खियों में आयी बिलकिस बानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। बिलकिस बानों दिल्ली में किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए सिंघु बॉर्डर पहुंची थी, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया। 

इसके पहले आज ही बिलकिस बानों ने किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि हम किसान की बेटियां हैं। हम आज किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए जाएंगे। हम अपनी आवाज उठाएंगे। सरकार को हमें सुनना चाहिए।

बिलकिस बानों ने कहा, हम सिंघु बॉर्डर पर जा रहे हैं जहां किसान भाई बैठे हैं। हम बैठे थे तो किसान भाईयों ने हमारी मदद की थी। जो किसान की मांग है वही हमारी मांग है। हम भी किसान की बेटी हैं और किसान की बहू हैं। 

बता दें कि बिलकिस इस समय 82 साल कीहैं। बिल्किस उस समय देश के साथ पूरी दुनिया में सुर्खियों में आई थीं जब टाइम मैगजीन ने दुनिया की 100 प्रभावशाली हस्तियों में उनका शुमार किया था। शाहीन बाग की दादी के रूप में मशहूर हुईं बिल्किस केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नागरकिता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध शाहीन बाग में चले धरने का चेहरा बन गई थीं। वो उन हजारों प्रदर्शनकारियों में थीं जिन्होंने सीएए के विरोध में शाहीन बाग में चले धरने में बैठी रहीं थीं।

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बिल्किस शाहीन बाग इलाके की ही रहने वाली हैं और वे कई महीने तक चले धरने में सड़कों पर बैठीं थीं। आंदोलन के दौरान मीडिया के सवालों पर बिल्किस ने कहा था कि वे अपने बच्चों के लिए ये धरना कर रही हैं। बिलकिस ने कहा था कि "हम बूढ़े हो गए हैं और हम अपने लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं... यह हमारे बच्चों के लिए है। हम खुले में अपने जीवन की सबसे ठंडी सर्दियों के दौरान अपने दिन और रात क्यों बिताएंगे? ये सरकार को सोचना चाहिए।''

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