सिंघू बॉर्डर पर किसानों पर पत्थरबाजी, एक दिन पहले ग्रामीणों से मिलने पहुंचे थे हिंदू सेना के कार्यकर्ता

सोशल मीडिया पर सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर हुए हमले को लेकर को सोशल मीडिया पर सरकार और पुलिस की खूब आलोचना हो रही है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे कथित तौर पर हिंदू सेना का हाथ है।

Update: 2021-01-29 09:41 GMT

नई दिल्ली। किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। इस बीच दिल्ली पुलिस और केंद्र की मोदी सरकार किसानों को धरनास्थल से हटाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। वहीं इस बीच शुक्रवार को किसानों पर पत्थरबाजी की गई। उनके टैंट उखाड़े गए। उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। बताया जा रहा है कि इस घटना के पीछे ग्रामीणों का नहीं बल्कि कथित तौर पर हिंदू सेना का हाथ है।

सोशल मीडिया पर सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर हुए हमले को लेकर को सोशल मीडिया पर सरकार और पुलिस की खूब आलोचना हो रही है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे कथित तौर पर हिंदू सेना का हाथ है। 

इससे एक दिन पहले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अपने ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट में कहा था, 'आज स्थानीय हिंदू सेना के कार्यकर्ताओ ने स्थानीय क्षेत्र वासियों के साथ मिलकर किसानों के बीच सिंघु बॉडर जाके खालिस्तानी समर्थको के खिलाफ जमके नारेबाजी क व किसानों से रोड खाली करने की अपील की।'

विष्णु गुप्ता ने दूसरे ट्वीट में किसानों फिर खालिस्तानी बताते हुए लिखा, सिंघु बॉर्डर पर आज फिर @DelhiPolice के एसएचओ अलीपुर के ऊपर किसान आंदोलन में छुपे खालिस्तानी यो ने तलवार से हमला किया! अब ये खालिस्तान समर्थक किसानों का आंदोलन समाप्त होना चाहिए।

लेखक और ब्लॉगर हंसराज मीणा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने ट्वीट में लिखा, मोदी सरकार द्वारा सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर जबरदस्त हमला करवाया जा रहा। बेहद ही शर्मनाक व दुखद है। 

वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्रा ने सवाल उठाते हुए अपने ट्वीट में लिखा, सिंघु बॉर्डर पर प्रोटेस्ट में पुलिस है। बैरिकेट से बहुत दूर सभी को रोका जा रहा है। इसके बाद भी लोग कैसे इतनी दूर अंदर आकर पत्थर चलाने लगे?



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