लॉकडाउन में बंद हुआ कबाड़ी का काम तो मंदिर पर किया पथराव, बोला कहा था बदला लूंगा

पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि लॉकडाउन के पहले उसका कबाड़ी का काम बंद हो गया था तब उसने भगवान से कहा था कि तुमने मुझे भिखारी बना दिया इसका बदला जरूर लूंगा। इसलिए मैंने मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया।

Update: 2021-04-03 19:01 GMT

जनज्वार ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के पश्चिमपुरी इलाके से अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने मंदिर में रखी मूर्तियों को महज इसलिए तोड़-फोड़ दिया, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान उसका काम बंद हो गया था और वह आर्थिक रुप से तमाम परेशानियों का सामना कर रहा था। 

दिल्ली पुलिस के मुताबिक आज सुबह करीब 9 बजे पश्चिमपुरी के माता वैष्णो मंदिर के पुजारी राम पाठक मंदिर आए तो उन्होंने देखा कि मंदिर के खुले हिस्से में रखी शिव जी की दो मूर्तियां अपनी जगह से गायब थीं। इसके अलावा कुछ अन्य मूर्तियां क्षतिग्रस्त पड़ी हुईं थी। मंदिर परिसर में ईंट और पत्थर बिखरे हुए थे। पुजारी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। राम पाठक के अनुसार रात में जब वह मंदिर से बाहर निकले थे तब तक सभी चीजें अपनी जगह पर थीं। 

पुजारी की शिकायत पर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो पाया कि 28 साल के विक्की का इस घटना में हाथ है। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो आरोपी ने  बताया कि लॉकडाउन के पहले उसका कबाड़ी का काम बंद हो गया था तब उसने भगवान से कहा था कि तुमने मुझे भिखारी बना दिया इसका बदला जरूर लूंगा। इसलिए मैंने मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया। 

बता दें कि कोविड के हालात नियंत्रण करने के लिए सरकार ने करीब दो महीनों तक देश में पूर्ण लॉकडाउन लगाया था, जिसका सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा था। लॉकडाउन के दौरान लाखों दिहाड़ी मजदूरों ने सैकड़ों मीलों का सफर पैदल पूरा करके अपने गांवों का रूख किया था। हजारों लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए थे। अब एक बार फिर से हालात अनियंत्रित हो रहे हैं, ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों की परेशानियां कम होने की बजाए और बढ़ रही हैं। 

आरोपी युवा विक्की ने पुलिसिया छानबीन में बताया कि लॉकडाउन से पहले उसके पिता शंभू रघुवीर नगर में कबाड़ी का काम करते थे। वह पिता के काम में हाथ बंटाता था। लॉकडाउन होने पर उसके पिता दुकान बंद कर बिहार के मोतीहारी स्थित अपने गांव चले गए। इसके बाद युवक के पास न रहने का न तो कोई ठिकाना था, न कोई काम था और न ही कमाई का जरिया। वह बदहाली में इधर-उधर घूमता रहता था। वह अपनी ऐसी स्थिति के लिए भगवान को जिम्मेदार मान रहा था और मन में उनके लिए भारी गुस्सा था। गुस्से में उसने भगवान से बदला लेने के लिए शुक्रवार देर रात साढ़े बारह बजे वारदात को अंजाम दिया। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की छानबीन में जुटी है।

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