गाड़ी में पेट्रोल डलवाने के लिए साथ ले जाना होगा यह सर्टिफिकेट, नहीं तो लौटना पड़ेगा बैरंग

सर्टिफिकेट के बगैर दिल्ली के किसी भी पंप पर वाहन स्वामी को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। यदि किसी ने आदेश का उलंघन करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी...

Update: 2022-01-29 03:36 GMT

(अब गाड़ी में डीजल पेट्रोल भराने के लिए ये दस्तावेज रखना पड़ेगा साथ)

New Delhi: दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में रहने वालों के लिए यह खास खबर है। क्योंकि जल्द ही यदि आपके पास पीयूसी प्रमाणपत्र (PUC Certificate) नहीं है तो आपको पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) मिलना बंद हो सकता है। क्योंकि बहुत जल्द दिल्ली सरकार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ये फैसला लेने जा रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Environment Minister Gopal Rai) ने कहा है कि फैसले को अमल में लाने की पूरी तैयारी है। अभी समीक्षा की जा रही है।

उन्होने कहा कि बहुत जल्द इसकी घोषणा कर दी जाएगी। क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण काफी मात्रा में बढ़ गया है। इसलिए PUC सर्टिफिकेट के बगैर दिल्ली के किसी भी पंप पर वाहन स्वामी को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। यदि किसी ने आदेश का उलंघन करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, खासकर दिल्ली में वाहन मालिकों को अपना पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) पेट्रोल पंप तक ले जाना होगा। यदि PUC अमान्य पाया जाता है तो उसी पंप पर फिर से जारी करवाना होगा। दिल्ली के खराब वायु गुणवत्ता (AQI) स्तर को देखते हुए इस कदम से सड़कों पर गैर-प्रदूषणकारी वाहन देखने को मिलेंगे.पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सहित उत्तर भारत को विशेष रूप से सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करता है।

इस नीति के लागू होने के बाद वाहनों को पंपों पर पेट्रोल-डीजल भरवाते समय पीयूसी प्रमाण पत्र को अनिवार्य रूप से साथ रखना होगा। इस प्रकार, राज्य में हर वाहन के प्रदूषण के स्तर को समय-समय पर चैक किया जाएगा।

क्या है PUC सर्टिफिकेट?

प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC), वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पंजीकृत PUC केंद्रों के माध्यम से जारी किया जाता है। दिल्ली में 10 जोन में लगभग 966 ऐसे केंद्र है। यह वाहनों के प्रदूषण की निगरानी और उत्सर्जन मानदंडों के अनुसार वाहनों की फिटनेस प्रमाणित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदूषण स्तर परीक्षण निरीक्षकों द्वारा समय-समय पर जांच भी की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि PUC केंद्रों द्वारा सही प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।

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