ब्रेकिंग: वीएम सिंह ने की आंदोलन खत्म करने की घोषणा, गाजीपुर बॉर्डर का आंदोलन पर पड़ेगा असर

किसान नेता वीएम सिंह ने राकेश टिकैत पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का मुद्दा नहीं उठाया। केवल अपनी राजनीति करते रहे। हम यहां लोगों को शहीद कराने नहीं आए हैं।

Update: 2021-01-27 11:11 GMT

नई दिल्ली। पिछले 62 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में नया मोड़ आ गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने अपने संगठन की आंदोलन से भागीदारी खत्म करने की घोषणा की है। किसान नेता वीएम सिंह ने कहा है कि किसान आंदोलन भटक गया है जिसकी वजह से हमें यह आंदोलन खत्म करना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ये संघर्ष समिति का नहीं हमारा निर्णय है। 

सिंह ने कहा कि हम अपने लोगों को दिल्ली में पिटने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं। उन्होंने भाकियू के नेता राकेश टिकैत पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि कल हुई हिंसा के लिए एक तरह से राकेश टिकैत जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्होंने किसानों को रूट बदलने के लिए मजबूर किया था। वीएम सिंह भारत के किसान नेताओं में सबसे पैसे वाले किसान नेता के तौर पर जाने जाते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे करीब 640 करोड़ के मालिक हैं।

भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी आंदोलन से पीछे हटने का फैसला किया है। नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर किसान कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे भानू प्रताप सिंह जिन्हें भारतीय किसान यूनयिन भानू गुट के नाम से जाना जाता है, उसने भी आंदोलन खत्म करने की घोषणा की है। हालांकि इस आंदोलन में भानू गुट की कोई खास भागीदारी भी नहीं थी।

गौरतलब है कि जिन दोनों किसान नेताओं ने आज किसान कानूनों के खिलाफ अपना धरना खत्म करने की घोषणा की है, उनमें से कोई भी संयुक्त किसान मोर्चा के वार्ताकारों में शामिल नहीं है।

वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन किसान परेड में हुई हिंसा को लेकर योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत समेत छह नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ट्रैक्टर परेड को लेकर एनओसी पर हस्ताक्षर करने वाली सभी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान इन नेताओं की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया। दिल्ली पुलिस की ओर से अब सिंघु बॉर्डर के पास से सभी वाहनों को हटाया जा रहा है। मीडिया के वाहनों को भी हटाया जा रहा है। हिंसा के बाद प्रदर्शनस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाया गया है।

 एफआईआर में कहा गया है कि किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान आईटीओ पर हिंसा में दिल्ली परिवहन निगम की छह बसों और पुलिस के पांच वाहनों में तोड़फोड़ की गई।

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इलाके में छह सौ ट्रैक्टरों के जरिए दस हजार से ज्यादा किसानों के दाखिल होने के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और लोहे के 70 बैरीकेट्स को तोड़ दिया गया।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने तिलक ब्रिज से लुटियन दिल्ली में दाखिल होने का प्रयास किया जबकि इंद्रप्रस्थ इस्टेट थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर परेड आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। 

जिन नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया उनमें डॉ. दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहा, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, हरपाल सिंह, ऋषिपाल, जगतार बाजवा और राजेंद्र सिंह का नाम शामिल है। 

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