असम में एक फिर बाढ का कहर, 2.25 लाख लोग प्रभावित, इस साल बाढ में मरने वालों की संख्या 118 हुई

असम में शनिवार व रविवार को तीसरे चरण का बाढ आया है। बाढ से इस बार 10 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है और एक की मौत हुई है। वर्ष 2020 में राज्य में आयी बाढ में मरने वालों की संख्या 118 हो गई है...

Update: 2020-09-28 04:18 GMT
File Photo.

जनज्वार। असम में इस साल में तीसरी बार बाढ का कहर बरपा है। रविवार को असम के कई जिलों में एक बार फिर जलस्तर बढ गया। असम के नौ जिलों धीमाजी, लखीमपुर, मोरीगांव, नगांव, माजुली, पश्चिमी करबी एंगलोंग, शिवसागर, डिब्रूगढ, तिनसुकिया जिले के के 2.25 लाख लोग बाढ से प्रभावित हुए हैं।

इन इलाकों में फिर से आयी बाढ से 10 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में लगी फसल बर्बाद हो गई है। पिछले कुछ दिनों से राज्य के विभिन्न में हो रही बारिश के कारण बाढ आई है और शनिवार को नगांव जिले में एक व्यक्ति की इससे मौत हो गई।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार प्रभावित लोगों के राहत बचाव कार्य में लगा हुआ है। शनिवार-रविवार को तीसरी बार राज्य में आयी बाढ से मृतकों की संख्या 118 तक पहुंच गई है।

शनिवार को बाढ से 1.8 लाख लोग प्रभावित हुए थे, लेकिन रविवार को उनकी संख्या बढ कर सवा दो लाख हो गई। तीसरे चरण की इस बाढ से सबसे अधिक नगंाव जिला प्रभावित हुआ है। नगांव के 1.51 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। वहीं, मोरीगांव में 32, 711, धीमाजी में 16, 792, डिब्रूगढ में 10, 622 लोग इस बार आयी बाढ से प्रभावित हुए हैं।

तीसरे चरण की बाढ में नौ जिले के 219 गांव जलमग्न हो गए हैं और वहां के लोगों के लिए इससे मुश्किलें पैदा हो गई है। ब्रह्मपुत्र नदी जोरहट, तेजपुर और सोनितपुर जिले में खतरे के निशान को पार कर गई है। बाढ प्रभावितों के लिए तीन जिलों में 43 राहत कैंप बनाए गए हैं। कई जिलों में रोड का संपर्क भी टूट गया है।

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