भारतीय महिला प्रेस कोर को सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा गया- रिपोर्ट

नोटिस के अनुसार, आईडब्ल्यूपीसी को आवंटन 13 मई, 1994 को किया गया था, और कार्यकाल समाप्त होने के बाद इसे 6 जनवरी, 2021 से रद्द कर दिया गया था....

Update: 2021-08-08 15:27 GMT

(आईडब्ल्यूपीसी को एक नोटिस भेजकर उनसे सरकारी आवास खाली करने को कहा गया है)

जनज्वार। भारत सरकार ने भारतीय महिला प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) के लिए आवंटित सरकारी बंगलों को खाली करने के लिए कहा है। खबरों के मुताबिक आईडब्लूपीसी द्वारा कथित तौर पर एक पाकिस्तानी डिप्लोमेट को आमंत्रित किया गया था। कथित तौर पर पाकिस्तानी डिप्लोमेट की मेजबानी करने पर यह फैसला लिया गया है।

वहीं एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि सरकार ने लुटियंस दिल्ली के विंडसर प्लेस में स्थित भारतीय महिला प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) को बेदखली नोटिस जारी किया है और उसे उनका बकाया भुगतान करने को कहा है। यह नोटिस 5 अगस्त को संपदा निदेशालय द्वारा जारी किया गया था, जो केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

संपर्क करने पर आईडब्ल्यूपीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। नोटिस के अनुसार, आईडब्ल्यूपीसी को आवंटन 13 मई, 1994 को किया गया था, और कार्यकाल समाप्त होने के बाद इसे 6 जनवरी, 2021 से रद्द कर दिया गया था।

अधिकारी ने कहा, "हमने आईडब्ल्यूपीसी को एक नोटिस भेजकर उनसे सरकारी आवास खाली करने को कहा है। उन्हें अपना बकाया भुगतान करने के लिए कहा गया है।" हालांकि, अधिकारी ने बताया कि यदि सभी बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाता है, तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा उक्त परिसर को बनाए रखने पर विचार किया जा सकता है।

एक सूत्र के मुताबिक, जनवरी 2018 में आवंटन की अवधि तीन साल के लिए बढ़ा दी गई थी। मंत्रालय ने बुधवार को एक सवाल के जवाब में राज्य सभा को बताया था कि इस साल 30 जून तक आईडब्ल्यूपीसी का लगभग 30.3 लाख रुपये बकाया है।

सरकार ने यह भी कहा था कि बाबू जगजीवन राम नेशनल फाउंडेशन, फखरुद्दीन अली मेमोरियल कमेटी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन और लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल सहित छह संगठनों पर लुटियंस दिल्ली में जगह के आवंटन के खिलाफ 30 जून को 1.4 करोड़ रुपये का बकाया था।

सरकार के अनुसार, अन्य दो संस्थाएं जिनके खिलाफ बकाया हैं, वे IWPC और महिला दक्ष समिति हैं। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन का 30 जून, 2021 तक 11,06,400 रुपये बकाया था।

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