हरियाणा में भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा की केंद्र से अपील- किसानों को लिखित आश्वासन दे सरकार

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जजपा किसानों के आंदोलन के समर्थन में लगातार टिप्पणी कर रही है क्योंकि किसान इस पार्टी का प्रमुख सपोर्ट बेस माना जाता है, जजपा अध्यक्ष अजय चौटाला का मानना है कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द किसानों के आंदोलन का हल तलाशना चाहिए.....

Update: 2020-12-02 11:42 GMT

चंडीगढ़। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सितंबर 2020 में पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इन आंदोलनों में पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान शामिल हैं। इस बीच हरियाणा में सत्तारूढ भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा ने भी कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों को लिखित में आश्वासन देना चाहिए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा। फिलहाल अभी किसानों का आंदोलन खत्म होने के कोई संकेत नहीं हैं।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जजपा किसानों के आंदोलन के समर्थन में लगातार टिप्पणी कर रही है क्योंकि किसान इस पार्टी का प्रमुख सपोर्ट बेस माना जाता है। जजपा के अध्यक्ष अजय चौटाला का मानना है कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द किसानों के आंदोलन का हल तलाशना चाहिए।

अजय चौटाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया है। ऐसे में इस बारे में लिखित में देने में क्या परेशानी है? हरियाणा में ज्यादातर फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार को इस मसले पर बड़ा सोचना चाहिए और किसानों की मांगों पर कुछ समाधान निकालना चाहिए। इसके अलावा राज्य की गठबंधन की सरकार के सहयोगी निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने भी सत्ता से अपना गठबंधन तोड़ लिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार को किसानों की समस्या जल्द से जल्द हल करनी चाहिए। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने के लिए पुख्ता आश्वासन देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अन्नदाता सड़कों पर परेशान हो रहे हैं। ऐसे में सरकारको बड़ी सोच रखकर किसानों की मांग पूरी करनी चाहिए। अजय चौटाला ने सरकार को यह भी सुझाव दिया कि वे अपने कृषि कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को शामिल कर किसानों की मांगें पूरी करें।

चौटाला ने यह भी कहा कि किसान संगठनों व केंद्र सरकार के बीच वार्ता के सकारात्मक परिणाम आएंगे।बता दें कि इसके पहले केंद्र में बीजेपी पहले ही अपने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के साथ को खो चुकी है। इसके अलावा अभी सोमवार को ही राजस्थान से उसके एक सहयोगी सांसद हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी से अपना रिश्ता खत्म करने की धमकी दी थी।

बता दें कि किसानों के आंदोलन का आज सातवां दिन है। सितंबर में तीन कृषि कानून होने के बाद से वह उन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर किसानों ने पहले अपने राज्यों के भीतर ही प्रदर्शन किए लेकिन जब उनकी कोई सुनवाई न हुई तो दिल्ली कूच करने का फैसला किया। किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि कृषि कानून लागू होने के बाद धीरे-धीरे एमएसपी खत्म हो जाएगा। वे कृषि कानूनों को किसानों का विरोधी मान रहे हैं। 

Tags:    

Similar News