बेरोजगारी के खिलाफ हरियाणा में निकली गांव-गांव साइकिल यात्रा, योग्यता अनुसार सभी को काम देने की मांग

सत्ता पाने की लालच में सभी वोट बटोरू राजनीतिक पार्टियाँ बड़े-बड़े वादे करती हैं जैसे कि मोदी सरकार ने चुनाव से पहले हर साल 2 करोड़ नौकरियाँ देने का वायदा किया था, जो कि सत्ता में आने के बाद मात्र जुमला साबित हुआ....

Update: 2020-10-15 17:40 GMT

जनज्वार। हरियाणा के अलग-अलग जिलों देश भर में फैली बेरोजगारी की समस्या को लेकर छात्र एकता मंच द्वारा साईकिल यात्रा का आयोजन किया गया। इस दौरान राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में युवा समेत कई लोगों ने रैली निकाली। छात्र एकता मंच के द्वारा एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा गया कि आप जानते हैं कि देश में बेरोजगारी की समस्या दिन – प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

देश की युवा आबादी के लिए रोजगार सृजन करना सरकार का मुख्य काम होना चाहिए लेकिन ने रोजगार सृजन करना तो दूर उल्टे सरकारी विभआगों में लाखों पद खाली पड़े हैं। सरकारी आंकड़े के अनुसार सरकारी विभागों में 23 लाख पद खाली पड़े हैं। शासक वर्ग ने मेहनतकश बेरोजगार जनता के लिए जरूरी रोजगार के सवाल पर बात करना भी बंद कर दिया है। आत्मनिर्भर भारत का असली मतलब सरकार द्वारा रोजगार देने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना है।

सत्ता पाने की लालच में सभी वोट बटोरू राजनीतिक पार्टियाँ बड़े-बड़े वादे करती हैं जैसे कि मोदी सरकार ने चुनाव से पहले हर साल 2 करोड़ नोकरियाँ देने का वायदा किया था जो कि सत्ता में आने के बाद मात्र जुमला साबित हुआ। रोजगार का संकट "बेरोजगारों की रिजर्व आर्मी तैयार करने वाली" इस व्यवस्था की देन है जब तक यह मुनाफे पर आधारित शोषणकारी व्यवस्था कायम है तब तक बेरोजगारी की समस्या को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता।

देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर हमारे संगठन द्वारा कुछ मांग रखी गई। जिसमें सभी को योग्यता अनुसार रोजगार देना, सभी सरकारी विभागों में लाखों खाली पड़े पदों को तुरंत प्रभाव से भरा जाए, रोजगार न मिलने तक ₹20,000 बेरोजगारी भत्ता दिया जाए, ठेका प्रथा पर पूरी तरह से रोक लगाने, रोजगार के लिए आवेदन पत्र निशुल्क किया जाने, मनरेगा के काम के दिनों को बढ़ाकर 200 दिन वह मजदूरी ₹800 की जाएगी, तीनों कृषि विधेयकों को वापस लिया जाए प्रमुख है।

इस दौरान छात्र एकता मंच हरियाणा के अध्यक्ष अंकित ने बताया कि सरकार की कूरनीतियों के द्वारा पूरे देश में बेरोजगारी फैली हुई। सरकारी पदों के खाली होने के बाद भी सरकार युवाओं को नौकरी नहीं दे रही है। प्रधानमंत्री द्वारा दो करोड़ रोजगार देने की बात की गई लेकिन वो भी जुमला निकला। जिसके कारण युवाओं को सड़कों पर उतरना पड़ा अभी हमने जिले के कुछ जिलों में रैली निकाली गई है। लेकिन 20 तारीख को हम लोग सोनीपत में एक बड़ा आंदोलन करने जा रहे है। इसके अलावा सरकार नहीं मानी तो संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।

Tags:    

Similar News