किसानों का पानीपत से दिल्ली कूच, रात में पुलिस वाले लंगर में साथ खाते हैं खाना, जताते हैं सहानुभूति

किसान सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद मोदी सरकार के कृषि कानून को रद्द करवाने की मांग को लेकर आगे बढ रहे हैं। किसानों ने अपने साथ छह महीने का राशन भी रखा है...

Update: 2020-11-27 05:20 GMT

जनज्वार। मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान शुक्रवार की सुबह पानीपत से दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। किसानों का यह बड़ा जत्था गुरुवार की रात पानीपत में ठहरा था, इसके बाद सुबह यह दिल्ली की ओर बढ चला है। हालांकि इन किसानों को जगह-जगह अवरोध का सामना करना पड़ रहा है। जत्थे में शामिल लोगों ने जनज्वार को बताया कि जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई जिससे हमें दिक्कत हो रही है, फिर भी हम आगे बढ रहे हैं।


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किसानों के जत्थे में शामिल छात्र एकता मंच के नेता अंकित ने कहा कि पानीपत में पुलिस लाइन के सामने बैरिकेडिंग की गई थी, जिसे किसानों ने तोड़ दिया। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। उन्होंने बताया कि हमें जानकारी मिली है कि आगे तीन जगहों पर बैरिकेडिंग की गई है जिसे हम तोड़ कर आगे बढेंगे।


अंकित ने बताया कि छह महीने का राशन-पानी लेकर पंजाब व हरियाणा के किसान दिल्ली की ओर बढ रहे हैं और हम अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करके रहेंगे। उन्होंने इस आंदोलन को लेकर सबसे दिलचस्प बात यह बतायी कि दिन भर किसान हमें रोकने की कोशिश करते हैं, सरकार के आदेश पर हम पर वाटर कैनन व अश्रु गैस का प्रयोग करते हैं, लेकिन रात में हमारे लंगर में हमारे साथ खाना खाते हैं।

पुलिस वालों की सहानुभूति भी किसानों की मांग व आंदोलन को लेकर है। वे आंदोलनकारी किसानों के साथ जब भोजन करते हैं तो यह कह कर सहानुभूति जताते हैं कि हम सरकारी नौकरी करते हैं और सरकार का आदेश मानते हुए हमें अपनी ड्यूटी करनी होती है, क्या करें? वे कहते हैं कि हमारे हाथ बंधे हुए हैं।



वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआइ ने खबर दी है कि पंजाब के किसानों के एक जत्थे को हरियाणा-दिल्ली के सिंगु बार्डर पर दिल्ली प्रवेश करने से रोक दिया गया। एक किसान ने कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है और इसे जारी रखेंगे। हम दिल्ली में प्रवेश करेंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। लोकतंत्र में हर एक को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है।


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