कृषि कानून के पक्ष में सभा कर रहे बीजेपी नेताओं को किसानों ने दौड़ाया

शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने कृषि कानूनों के लिए आभार जताने और एसवाईएल के लिए पपीहा पार्क के सामने उपवास कार्यक्रम आयोजित किया था...

Update: 2020-12-19 17:13 GMT

Photo: social media

जनज्वार। हरियाणा के फतेहाबाद में बीजेपी के उपवास कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच जमकर तनातनी हो गई। शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने कृषि कानूनों के लिए आभार जताने और एसवाईएल के लिए पपीहा पार्क के सामने उपवास कार्यक्रम आयोजित किया था।

किसानों ने इसका विरोध किया और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। दोनों तरफ से खूब नारेबाजी हुई। खुद एसपी भी किसानों को शांत नहीं कर पाए। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार बाद में गुस्साए किसानों ने भाजपा नेताओं को दौड़ा दिया।

इससे पहले फतेहाबाद में भाजपा के उपवास कार्यक्रम के दौरान किसानों के विरोध की आशंका को देखते हुए पुलिस द्वारा जगह-जगह बैरियर लगा दिए गए थे। हालांकि किसान नहीं माने और बैरियर तोड़ते हुए मौके पर पहुंच गए। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार किसानों ने भाजपा के उपवास स्थल पर कब्जा कर टेंट उखाड़ दिया। किसानों के प्रदर्शन के कारण कार्यक्रम महज डेढ़ घंटे में ही सिमट गया। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब एक घंटे तक किसान भाजपाइयों को चारों तरफ से घेरकर प्रदर्शन करते रहे। बीजेपी जिलाध्यक्ष और अन्य पार्टी नेताओं को खूब खरी-खोटी भी सुनाई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले किसानों को वहां से हटाने का प्रयास किया। जब किसान नहीं माने तो उन्होंने भाजपा नेताओं से बात कर उन्हें वहां से निकलवाया। 

गुस्साए किसान कुछ भाजपा नेताओं के पीछे भी दौड़ पड़े। दोपहर तक बीजेपी के इस उपवास स्थल पर किसान ही किसान नजर आ रहे थे। प्रदर्शन के दौरान कई मौकों पर हालात बेकाबू हो गए। खुद एसपी भी किसानों को शांत नहीं कर पा रहे थे।

इस उपवास कार्यक्रम में सांसद सुनीता दुग्गल, फतेहाबाद विधायक दुड़ाराम, रतिया विधायक लक्ष्मण नापा के अलावा पूर्व विधायकों को भी आना था। मगर इनमें से कोई बड़ा नेता नहीं आया। सिर्फ जिलाध्यक्ष ही 40 से 50 कार्यकर्ताओं के साथ बैठे रहे।

बीजेपी के उपवास कार्यक्रम में फतेहाबाद के विधायक दुड़ाराम व रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा नहीं पहुंचे। इतना ही नहीं पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया सहित कई नेताओं ने धरने से दूरी बनाए रखी।

उपवास स्थल पर विरोध कर रहे किसानों ने कानून के खिलाफ नारे लगाए, वहीं भाजपा समर्थित लोगों ने कानूनों का समर्थन में नारे लगाए। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार लगातार दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास कर रहे थे, पर बात नहीं बन रही थी।

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