Yamunanagar News : लापरवाही की भेंट चढ़ा यमुनानगर में साढ़े 4 करोड़ का गेहूं, इंसान तो इंसान अब जानवरों के लायक भी नहीं

हरियाणा और पंजाब में यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रही है। कई जगह तो स्थिति यह है कि गेहूं में पानी डाल कर इसे खराब किया जाता है। ताकि गेहूं के स्टोर में जो गड़बड़ी की है, वह छुप पाए...

Update: 2021-12-02 03:07 GMT

(हरियाणा के यमुनानगर में सड़ गया करोड़ों का गेहूं) image/twitter

Yamunanagar News : हरियाणा के जिला यमुनानगर स्थित बिलासपुर खंड में लापरवाही के चलते 50 हजार बोरी गेहूँ सड़ गया। गेहूँ से भरी यह बोरियां हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन में खुले में स्टोर की गईं थीं। हालत यह है कि एक चौकीदार की निगरानी में पड़ा यह गेहूं अब इंसान तो क्या, जानवरों के खाने लायक भी नहीं बचा। और तो अब गेहूं के पास से गुजरने पर बदबू तक आने लगी है।

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन ने दो साल पहले यानि 2019-20 में 25 हजार क्विंटल गेहूं सरकारी खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा था। उस समय गेहूं का MSP 1840 रुपए प्रति क्विंटल था। इस हिसाब से यह गेहूं 4 करोड़ 60 लाख रुपए का बनता है।

गेहूं के बगल से गुजरने पर आती है बदबू

इस गेहूं को केंद्रीय पुल में भेजा जाना था लेकिन कॉरपोरेशन की लापरवाही से यह मिट्टी हो गया। संस्था यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल कहते हैं कि गेहूं सड़ा नहीं, बल्कि जानबूझकर सड़ाया गया है। इसके पीछे कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का षड्यंत्र है। सोची-समझी साजिश के तहत इस घपले को अंजाम दिया गया है।

इस तरह होता है स्टोर

एमिटी यूनिवर्सिटी दिल्ली से बीएससी एग्रीकल्चर और फूड प्रोसेसिंग कर चुके रोहित चौहान ने बताया कि गेहूं खुले में स्टोर नहीं होता। इसमें नमी की वजह से खराब होने का अंदेशा 60 गुणा तक बढ़ जाता है। गेहूं स्टोर किया गया तो इस पर तिरपाल होनी चाहिए थी। वह भी हर माह बदलनी होती है।

सच छुपाने का प्रयास

राकेश ढुल ने बताया कि सरकारी गेहूं के फर्जीवाड़े को दबाने के लिए जानबूझ कर गेहूं को खराब किया जाता है। हरियाणा और पंजाब में यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रही है। कई जगह तो स्थिति यह है कि गेहूं में पानी डाल कर इसे खराब किया जाता है। ताकि गेहूं के स्टोर में जो गड़बड़ी की है, वह छुप पाए। क्योंकि अनाज के सड़ने के बाद यह पता नहीं चल पाता कि गेहूं चोरी हुआ या फिर फर्जी खरीद हुई है।

जिम्मेदारों ने गठित की कमेटी

कॉरपोरेशन के डीएम अजय कुमार ने बताया कि गेहूं के निपटाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी जांच करेंगी कि कितना गेहूं ठीक है कितना खराब हो गया। इसकी रिपोर्ट आने के बाद गेहूं को अलग अलग किया जाएगा। जो गेहूं ठीक होगा, उसे अलग किया जाएगा। जो गेहूं खराब हो गया उसे अलग कर सरकार को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। वहां से जो भी आदेश होंगे, इसके मुताबिक आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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