क्वारंटीन में गए स्वास्थ्यकर्मियों की तनख्वाह काटना हरियाणा सरकार की अमानवीयता का सबूत : योगेन्द्र यादव
योगेंद्र यादव ने कहा कि अधिकतर स्वास्थ्य कर्मी अपना दायित्व निभाते हुए कवारन्टीन में भेजे गये हैं, परन्तु हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए कवारन्टीन में गये स्वास्थ्य कर्मियों का उस दौरान का वेतन काटा जा रहा है।
जनज्वार ब्यूरो। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना काल मे महामारी से बचाव में लगे स्वास्थ्य-कर्मियों (डॉक्टरों और नर्सों) को उनके योगदान की सराहना और सम्मान देने की बजाय कवारन्टीन अवधि की तनख्वाह न देकर अमानवीय रुख अख्तियार किया है।
इस समय हर वर्ग आर्थिक समस्याओं से गुजर रहा है, वही स्वास्थ्य विभाग का एक निर्णय उनकी समस्याओं को बढ़ा रहा है। कोरोना उपचार में लगे डॉक्टरों और नर्सो को स्वाभाविक रूप से कोरोना संक्रमित मरीजों के सम्पर्क में आना पड़ता है, जिस कारण उनके संक्रमित होने के आसार काफी बढ़ जाते है और देशभर में कई स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित भी हुए हैं। इसी कारण उनको कवारन्टीन किया जाता है और दिशानिर्देशों के अनुसार संक्रमितों के इलाज के बाद कवारन्टीन किया जाना आवश्यक है।
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के अनुसार, अधिकतर स्वास्थ्य कर्मी अपना दायित्व निभाते हुए कवारन्टीन में भेजे गये हैं, परन्तु हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए कवारन्टीन में गये स्वास्थ्य कर्मियों का उस दौरान का वेतन काटा जा रहा है। यह हरियाणा सरकार की अमानवीयता का सबूत है। गुरुग्राम, मेवात और अन्य जिलों में एनएचएम में लगे डॉक्टरों और नर्सों के वेतन-कटौती के मामले सामने आ रहे है। वेतन कटौती गैर वाजिब है इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों को तुरन्त वेतन की अदायगी की जाए।
स्वराज इंडिया के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष राजीव गोदारा की ओर से जारी विज्ञप्ती में कहा गया है कि यह निर्णय प्रशासन का रवैया दर्शाता है की वह इस संकट के समय कितने गंभीर हैं। कोरोना से लड़ाई में जिन स्वास्थ्य-कर्मियों की सबसे बड़ा योगदान है उनके इस प्रकार का व्यहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वराज इंडिया हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के इस निर्णय की निंदा करता है और अपील करता है कि स्वास्थ्य विभाग इसे तुरंत प्रभाव से वापस ले।
पार्टी के महासचिव दीपक लाम्बा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में हरियाणा में आशा वर्कर ने अग्रणी भूमिका का निर्वाह किया है। उन्होनें खुद को खैर में डालते हुए सेवाएं दी हैं मगर हरियाणा सरकार ने उनका विशेष मानदेय भी नहीं दिया है। ना ही उन्हें फील्ड में काम करते हुए मिलने वाले जरूरी सुरक्षा उपकरण ही दिए जा रहे हैं। आशा वर्कर की महत्वपुरन भूमिका को देखते हुए उन्हें विशेष मानदेय व जरूरी उपकरण तुरन्त दिए जाएं।आशा वर्कर ने दो दिन पहले राज्य भर में मेमोरेंडम देकर अपनी आवाज उठाई है।