किसानों पर जानबूझकर लाठी चलवा रहे खट्टर, नौकरी के लायक नहीं SDM - फौरन बर्खास्त करें : सत्यपाल मलिक

अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलने पर सत्यपाल मलिक ने कहा कि मुझे गवर्नर के पद से मोहब्बत नहीं है, मैं जो बोलता हूं, दिल से बोलता हूं.....

Update: 2021-08-29 16:00 GMT

जनज्वार ब्यूरो/चंडीगढ़। करनाल में किसानों पर लाठी चार्ज कराने के मामले में मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने फिर से बीजेपी सरकार की आलोचना की है और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों से माफ़ी मांगने को कहा है। गवर्नर ने कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देनेवाले एसडीएम को फौरन बर्खास्त किया जाय। सत्यपाल मलिक ने कहा कि आरोपी एसडीएम नौकरी में रहने के लायक नहीं है, जबकि खट्टर सरकार उसे संरक्षण दे रही है।

उन्होंने इस बात पर भी दुख जताया कि 600 किसानों की मौत हुई लेकिन सरकार की तरफ से किसी ने सांत्वना के एक शब्द भी नहीं बोले। उन्होंने कहा, "मैं एक किसान का बेटा हूं उनका मर्म जानता हूं। गवर्नर ने आरोप लगाया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जानबूझकर किसानों पर लाठी चलवा रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार ने किसानों पर बल प्रयोग नहीं किया।

उन्होंने कहा, "किसान आंदोलन को देखते हुए मैंने शीर्ष नेतृत्व से बोला था कि किसानों पर बल प्रयोग न करें। अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलने पर उन्होंने कहा, मुझे गवर्नर के पद से मोहब्बत नहीं है,मैं जो बोलता हूं, दिल से बोलता हूं। मुझे वापस किसानों के बीच जाना है। मलिक ने एसडीएम के आदेश पर रोष जताते हुए कहा, "सिर मजिस्ट्रेट का भी फूट सकता है। सिर उसके ऊपर के लोगों का भी फूट सकता है। बिना खट्टर साहब के इशारे के ये नहीं हो सकता । मैं अपने लोगों के लिए बोलता रहूंगा, चाहे उसके नतीजे कुछ भी हों."

इससे पहले भी सत्यपाल मलिक तीन कृषि कानून पर किसानों पक्ष में बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की बात सुनी जानी चाहिए। इधर हरियाणा सरकार की सहयोगी पार्टी जेजेपी के नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आईएएस अधिकारी के वीडियो वायरल के संबंध में कहा कि एक अधिकारी द्वारा ऐसी शब्दावली का प्रयोग करना निंदनीय है और इस बारे में कार्रवाई जरूर होगी।

उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज के लिए यह स्पष्टीकरण बिल्कुल ठीक नहीं है कि दो दिन से सोये नहीं, उन्हें पता होना चाहिए कि किसान साल के 365 दिनों में 200 रातें नहीं सो पाता। साथ ही दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार व प्रशासन का काम है और व्यवस्था किसी सूरत में बिगड़ने नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एसडीएम का व्यवहार एक आईएएस अधिकारी की ट्रेनिंग के भी विपरीत है।

दूसरी ओर एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ अब विपक्ष भी कार्यवाही की मांग कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि सरकार करनाल में हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को लठतंत्र में बदलने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इस बात की जांच होनी चाहिए कि करनाल में अधिकारी, किस अधिकार के तहत पुलिसवालों को किसानों के सिर पर वार करने के आदेश दे रहे थे। क्योंकि ये पुलिस का अधिकार क्षेत्र है, ऐसे आदेश तो किसी भी परिस्थिति में कोई पुलिस अधिकारी भी नहीं दे सकता है। किसानों के सिर पर वार करने के आदेश किसके थे? ये जांच का विषय है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे इस मौके पर उन्होंने एकबार फिर किसानों पर हुई बर्बरता की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने दोहराया कि लोकतंत्र में सभी को अपनी मांगों के लिए धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार है। जनता के इस अधिकार को सत्ता के ताकत से छीना नहीं जा सकता। किसान बीजेपी के कार्यक्रम स्थल से करीब 15 किलोमीटर दूर बसताड़ा टोल प्लाजा पर धरना दे रहे थे। लेकिन पुलिस ने निरंकुश और दमनकारी नीति अपनाते हुए उनके ऊपर लाठीचार्ज किया।

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