Mumbai Cruise Drug Case : क्रूज ड्रग केस का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जानें किस बात को लेकर दायर हुई याचिका
Mumbai Cruise Drug Case : मुंबई क्रूज ड्रग केस मामले में बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत अन्य कई आरोपी हैं। लगभग 25 दिनों तक जेल में रहने के बाद आर्यन खान शनिवार को बाहर आए।
Mumbai Cruise Drug Case : मुंबई क्रूज ड्रग्स (Mumbai Cruise Drug Case) का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर मुंबई ड्रग्स क्रूज केस की सीबीआई जांच (CBI Enquiry in cruise drug case) की मांग की गई है। एक वकील की ओर से दायर इस जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की चल रही जांच में हस्तक्षेप किया गया है।
बता दें कि मुंबई क्रूज ड्रग केस मामले में बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan khan drug case) समेत अन्य कई आरोपी हैं। लगभग 25 दिनों तक जेल में रहने के बाद आर्यन खान शनिवार को बाहर आए।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Navab Mallik) ने एनसीबी के जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के ऊपर कई तरह के आरोप लगाए हैं। वहीं, एक गवाह ने भी वानखेड़े पर आरोप लगाया है।
उल्लेखनीय है कि क्रूज ड्रग्स मामले की पूरी जांच उस समय से विवादों में आ गई है जब से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के एक गवाह ने मीडिया के सामने आकर कई गंभीर आरोप लगाए। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government news) में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक शुरू से ही इस एनसीबी पर निशाना साधते रहे हैं। नवाब मलिक ने एनसीबी के मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक वकील एमएल शर्मा की ओर से दायर इस जनहित याचिका में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की ओर से एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े और अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों का उल्लेख किया गया है।
वकील शर्मा ने अपनी याचिका के माध्यम से पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। याचिका में सीबीआई जांच की मांग के अलावा तत्काल मामले में 'सभी गवाहों को सुरक्षा' मुहैया कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
एमएल शर्मा की ओर से दायर किए गए इस जनहित याचिका में कहा गया है कि गवाहों की सुरक्षा की जानी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही आरोपियों के पक्ष में अनुकूल बयान देने के लिए उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने विगत 2 अक्टूबर को समुद्र के बीच में गोवा जाने वाले कॉर्डेलिया क्रूज (Cordelia Cruise) पर एक कथित ड्रग पार्टी का भंडाफोड़ किया था। ड्रग पार्टी मामले में दो नाइजीरियाई नागरिकों सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। क्रूज ड्रग मामले में आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा को एनसीबी ने 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सामने सवाल उठाते हुए पूछा गया है कि क्या कोई मंत्री जांच में हस्तक्षेप करने और जांच अधिकारी को 'बदनाम' करने के बाद भी अपने संवैधानिक पद पर बना रह सकता है।
याचिका में कहा गया है कि किसी भी को आपराधिक न्याय प्रणाली में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। राज्य और राज्य मंत्री संविधान की रक्षा करने के लिए बाध्य हैं और जांच में आपराधिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करते हैं।