News on Terrorism : कंधार हाइजैकिंग के बाद रिहा किए गए एक आतंकी पर केन्द्र ने लिया बड़ा फैसला, जानिए पूरा मामला
News on Terrorism : गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि मुश्ताक अहमद जरगर यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन अल-उमर-मुजाहिदीन का संस्थापक और मुख्य कमांडर है, इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा था.....
News on Terrorism : भारत सरकार (Government of India) ने लश्कर (Lashkar) के प्रमुख हाफिज सईद (Hafeez Sayeed) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) के प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar ) के रिश्तेदारों को यूएपीए के तहत दोषी घोषित करने के बाद अब कश्मीर (Kashmir) के मुश्ताक अहमद जरगर (Mushtaq Ahmad Zargar) को भी आतंकवादी घोषित कर दिया है। आपको बता दें 52 साल का मुश्ताक अहमद जरगर साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 की हाईजैकिंग के बद रिहा किए गए तीन आतंकियों में से एक है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार 13 अप्रैल को जारी की गयी अधिसूचना में कहा है कि जरगर न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक खतरा है। अधिसूचना के मुताबिक जरगर अल-कायदा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों के संपर्क में है। मुश्ताक अहमद जरगर को लाट्रम के नाम से भी जाता जाता है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि मुश्ताक अहमद जरगर यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन अल-उमर-मुजाहिदीन का संस्थापक और मुख्य कमांडर है। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा था। इस दौरान जरगर ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भी भेजा गया था। गृह मंत्रालय के अनुसार जरगर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए चलाए गए अभियानों में शामिल रहा है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में जरगर के बारे में जो सूचना दी गयी है उसके मुताबिक मुश्ताक अहमद जरगर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने और आतंकी फंडिंग सहित अलग-अलग आतंकी गतिविधियों (Terrorist Activities) में शामिल रहा है। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह ही गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत तीन लोगों को को आतंकवादी घोषित किया गया था, इनमें हाफिज सईद का बेटा तल्हा, मसूद अजहर का भाई और 2019 पुलवामा (Pulwama) अटैक प्लानर अम्मार अल्वी (Ommar Alvi) और पठानकोट हमले का हैंडलर अली लशिफ जान (Ali Lashiph Jan) के नाम शामिल थे।
आपको बता दें कि मोदी सरकार (Modi Government) की ओर से साल 2019 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 में संशोधन किया था। जिसमें किसी व्यक्ति को आतंकवादी के रूप में नामित करने के प्रावधान को शामिल किया गया था। इस संशोधन से पहले केवल संगठनों को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया जा सकता था। नए अधिनियम के तहत पहले आदेशों में सितंबर 2019 में सरकार ने लश्कर के हाफिज सईद और जकी-उर-रहमान लखवी, जैश के मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी घोषित किया था।