पहलू खान लिंचिंग केस : हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटा, 6 आरोपियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी

निचली अदालत के फैसले और बरी करने के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका में कहा गया था कि इस तथ्य के बावजूद कि चश्मदीदों की गवाही विश्वसनीय थी, ट्रायल कोर्ट ने गवाही को खारिज कर दिया और आरोपी व्यक्तियों को बरी कर दिया....

Update: 2021-09-07 07:44 GMT

जनज्वार। राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने सोमवार को अलवर अदालत (Alwar Court) द्वारा पहलू खान लिंचिंग मामले (Pahlu Khan Lynching Case) में वर्ष 2019 में बरी किए गए छह लोगों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। पहलू खान की कथित तौर पर 2017 में भीड़ ने हत्या कर दी थी, जब वह गायों को ले जा रहे थे।

जस्टिस गोवर्धन बर्धर और जस्टिस विजय विश्वनोई की बेंच ने पीड़ित के बेटों इरशाद और आरिफ द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया और इसे निचली अदालत के बरी करने के आदेश के खिलाफ राजस्थान सरकार द्वारा दायर याचिका के साथ जोड़ दिया।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने आदेश दिया कि आरोपियों के खिलाफ दस हजार रुपये की राशि के जमानती वारंट जारी करें और उनकी अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित करें। आरोपी विपिन यादव, रवींद्र कुमार, दयानंद, कालूराम, योगेश और भीम सिंह को बरी करने के खिलाफ पहलू खान के बेटों के द्वारा अपील दायर की गई थी। 

याचिका में खासतौर पर कहा गया है कि घायल चश्मदीद गवाह हैं, जिन्होंने विशेष रूप से आरोपियों (निचली अदालत द्वारा बरी) के नाम लिए हैं। दलील में यह भी कहा गया है कि खान को कई चोटें आई थीं और उसे मिली चोटों के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी और साथ ही, आरोपी व्यक्ति के पास से हथियार भी बरामद किए गए थे।

निचली अदालत के फैसले और बरी करने के आदेश को चुनौती देते हुए, याचिका में कहा गया था कि इस तथ्य के बावजूद कि चश्मदीदों की गवाही विश्वसनीय थी, ट्रायल कोर्ट ने गवाही को खारिज कर दिया और आरोपी व्यक्तियों को बरी कर दिया।

पहलू खान और उनके बेटे 1 अप्रैल, 2017 को जयपुर से हरियाणा के नूंह जिले की ओर जा रहे थे, जब गौरक्षकों ने उन्हें जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहरोड़ में रोक दिया। भीड़ ने गाय की तस्करी के संदेह में उनकी पिटाई की और फलस्वरूप खान की अलवर के एक अस्पताल में 3 अप्रैल को मौत हो गई थी। 

इसके बाद मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं थीं। एक एफआईआर पहलू खान को पीट-पीट कर मार डालने वाली भीड़ के खिलाफ दर्ज की गई थी जबकि दूसरी एफआईआर पहलू खान और उसके बेटों और ट्रक चालक के खिलाफ राज्य से अवैध रूप से मवेशियों (गाय) को ले जाने के लिए दर्ज की गई थी। पहलू खान और उनके दो बेटों के खिलाफ गाय-तस्करी के आरोप पत्र को राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में खारिज कर दिया था।  

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