Rajasthan News: घंटों अस्पताल में पड़ा रहा बुजुर्ग का शव, अस्पताल प्रबंधन ने नहीं ली कोई सुध
Rajasthan News: वार्ड में शव के साथ दूसरे मरीजों का उपचार जारी था। मगर अस्पताल प्रशासन ने मानों अपनी आंखें मूंद ली थी। अस्पताल के किसी भी कर्मचारी ने मृत वृद्ध की सुध नहीं ली...
Rajasthan News: स्वास्थ्य मोर्चे पर केंद्र से लेकर राज्य सरकारें लाख दावे करें लेकिन सच किसी न किसी रूप में सामने आ ही जाता है। राजस्थान(Rajasthan) के चूरू जिला अस्पताल में भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लचर व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। गुरुवार, 4 अक्टूबर को चूरू के राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल में घंटों तक एक बुजुर्ग का शव पड़ा रहा पर किसी ने उसे वहां से हटाने की जहमत नहीं की। अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बिस्तर पर पड़े शव के साथ अन्य भर्ती मरीजों का इलाज चल रहा था। मरीजों के बीच शव पड़े होने की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और शव को अपने साथ ले गई।
5 घंटे तक पड़ा रहा मरीज का शव
जानकारी के अनुसार, चूरू के राजकीय डेडराज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड(Isolation Ward) में गुरुवार, 4 अक्टूबर को करीब पांच घंटे तक एक वृद्ध का शव(Dead Body) पड़ा रहा। बुजुर्ग की उम्र करीब 70 साल के आसपास बताई जा रही है। वार्ड में शव के साथ दूसरे मरीजों का उपचार जारी था। मगर अस्पताल प्रशासन ने मानों अपनी आंखें मूंद ली थी। अस्पताल के किसी भी कर्मचारी ने मृत वृद्ध की सुध नहीं ली। मरीजों के वार्ड में शव पड़े होने की सूचना पर अस्पताल चौकी प्रभारी एएसआई गिरधारीलाल और कोतवाली थानाधिकारी सतीश कुमार यावद अस्पताल पहुंचे। फिर भी किसी ने शव को वार्ड से निकालकर मोर्चरी में नहीं रखवाया।
बताया जा रहा है कि बुजुर्ग गणपत मेघवाल (70) को बुधवार, 3 अक्टूबर की सुबह सादुलपुर राजकीय अस्पताल से तबीयत बिगड़ने पर चूरू के राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज के गंभीर हालत को देखकर आपातकालीन वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने वृद्ध का उपचार किया। बुजुर्ग को सांस लेने में तकलीफ थी इसलिए उसे ऑक्सीजन लगाया गया। उपचार के बाद गणपत मेघवाल को आइसोलेशन आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया। गुरुवार सुबह वृद्ध व्यक्ति की मौत हो गई।
प्रिंसिपल ने इंचार्ज को लगाई फटकार
अस्पताल चौकी प्रभारी एएसआई गिरधारीलाल ने बताया कि वृद्ध के परिजनों का इंतजार किया जा रहा था जिसके बाद शव को उठाया जाता। मगर मृतक के भाई श्रीचंद मेघवाल ने शुक्रवार दोपहर को शव ले जाने की बात कही। वहीं, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ महेश मोहनलाल पुकार ने बताया कि मामले को लेकर इंचार्ज से बात की है। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ पुकार ने स्टाफ को फटकार लगाते हुए कहा कि यह कर्मचारियों द्वारा की गई लापरवाही है। मृत शव को मोर्चरी में रखवाना चाहिए था। इधर, परजनों द्वारा शव नहीं ले जाने के बाद बुजुर्ग के शव को पुलिस को सौंप दिया गया।