Dehradun News: अब यूपी में होगा न्यू जिम कॉर्बेट पार्क, ब्रांड कॉर्बेट का लाभ उठाने की तैयारी में जुटी योगी सरकार, बिजनौर जिले के जंगल में स्थापित होगा नया कॉर्बेट

Dehradun News: कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम सुनते ही दिमाग में जो पहली छवि बनती है वह बाघों की दहाड़, अठखेलियां भरते हुए कुलांचे मारते हिरणों, मदमस्त हाथियों के झुंड की जंगल की शांति को भंग करती चिंघाड़, पेड़ों के झुरमुट से टुकुर टुकुर झांकते बंदरों का मिला जुला कोलाज होती है।

Update: 2022-11-07 17:40 GMT

Dehradun News: कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम सुनते ही दिमाग में जो पहली छवि बनती है वह बाघों की दहाड़, अठखेलियां भरते हुए कुलांचे मारते हिरणों, मदमस्त हाथियों के झुंड की जंगल की शांति को भंग करती चिंघाड़, पेड़ों के झुरमुट से टुकुर टुकुर झांकते बंदरों का मिला जुला कोलाज होती है। अपने अंदर बेशुमार जैव विविधता से भरपूर प्राकृतिक सौंदर्य समेटे इस पार्क की छवि से आकर्षित होकर देश में एक और कॉर्बेट पार्क बनने जा रहा है। दोनो पार्कों के बीच के अंतर को साफ करने के लिए नए वाले के साथ "न्यू" शब्द जोड़ने की औपचारिकता जरूर की जाएगी। भौगोलिक तौर पर कॉर्बेट नेशनल पार्क जहां उत्तराखंड राज्य का हिस्सा है तो नया कॉर्बेट उत्तर प्रदेश का हिस्सा होगा।

जी हां, उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना अगर परवान चढ़ी तो देश का दूसरा कॉर्बेट पार्क यूपी के नाम दर्ज होगा। यूपी में आने वाले पर्यटकों के लिए यह नई सौगात उत्तराखंड से सटे लेकिन यूपी की सीमा में स्थित जिला बिजनौर में मिलेगी। दरअसल योगी सरकार वन्य जीवों के संरक्षण के लिए जो नया कदम उठाने जा रही है, वह उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़े प्रदेश के हिस्से को विकसित करने का है। सरकार यहां के उन इलाकों को संरक्षित करने के लिए अभियान चलाने जा रही है, जहां बाघ आते-जाते रहते हैं। इस इलाके को कॉर्बेट की ही तर्ज पर 'न्यू जिम कार्बेट' नाम देने पर विचार हो रहा है। हालांकि इस योजना का मुख्य मकसद वन्य-जीवो का संरक्षण ही है। लेकिन इसके बहाने यहां आयोजित होने वाली पर्यटन गतिविधियां इसका बायो प्रोडक्ट होंगी। आबादी को सुरक्षित स्थान देना। योगी आदित्यनाथ ने एक हाई लेवल मीटिंग में निर्देश दिए है। साथ ही इस पर जल्द ही कैबिनेट की मुहर लग सकती है।

बताते चले कि उत्तराखंड से सटे जिला बिजनौर के अमानगढ़ में लगभग 80 वर्ग किलोमीटर में जंगल फैला हुआ है। इस जंगल में इंसानी बस्तियों का कोई कानून न होने की वजह से वन्यजीवों की निर्बाध आवाजाही रहती है। अभी तक इन वन्यजीवों के सहारे होने वाले पर्यटन को उत्तराखंड से ही संचालित किया जाता रहा है। लेकिन अब योगी सरकार ने कॉर्बेट नेशनल पार्क की दक्षिणी खिड़की समझे जाने वाले इस इलाके को टाइगर सफारी बनाने का निर्णय लेते हुए यहां की पर्यटन गतिविधियां यूपी से शुरू करने के प्लान का खाका तैयार किया है। यूपी सरकार ने पर्यटन गतिविधियों में तड़का लगाने के लिए इसे इको और गंगा टूरिज्म से भी जोड़ने की योजना बनाई है। अमानगढ़ आने वाले टूरिस्टों को गंगा टूरिज्म का लुत्फ भी मिलेगा। बिजनौर की महात्मा विदुर की कुटी, बालावाली और गंगा बैराज को भी गंगा सर्किट में शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा यहां पर पर्यटकों के लिए विश्व पर्यटन स्थल की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

सरकार की ओर से यहां पर पर्यटकों के लिए विश्व पर्यटन स्थल स्तर की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिससे एक तरफ यहां पर्यटन बढ़ेगा तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए मौके भी मिल सकेंगे। अमानगढ़ जंगल के जिस हिस्से को सैलानियों के लिए विकसित किया जाएगा वहां जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे होने के कारण बाघों की संख्या घटती बढ़ती रहती है। जबकि यूपी में अधिकृत तौर पर बाघों की कुल संख्या 173 है।

इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस इलाके के टूरिस्ट जोन के तौर पर विकसित होने के बाद यहां आने वाले सैलानियों को टाइगर सफारी के साथ पक्षियों, वनस्पतियों, नदियों, झरनों, वादियों और पहाड़ों का आनंद मिलेगा। टाइगर सफारी में आने वाले लोगों को जंगल के मुख्य आकर्षण बाघ के अलावा तेंदुआ और हिरण भी यहां पर देखने को मिलेंगे। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में जिला बिजनौर में स्थित अमानगढ़ नाम का यह क्षेत्र वन-डे-टूर के तौर पर भी यह बेस्ट डेस्टिनेशन बनने जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को न सिर्फ बढ़ावा देगा बल्कि प्रदेश की आर्थिकी में भी योगदान देगा।

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