Fraud with Students: नौकरी के नाम पर छात्रों से हजारों की ठगी, दो साल की MBA डिग्री 3 महीने में करवाने का किया वादा

Fraud with Students: ट्रू लाइन सर्विस नामक इस कंपनी ने करीब 65 युवक-युवतियों के साथ फ्रॉड किया। सभी से काम निकलवाए और पैसे मांगने पर टारगेट पूरा न करने का बहाना देने लगे...

Update: 2021-10-30 09:11 GMT

(उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़)

Fraud with Students: उत्तराखंड (Uttarakhand) के उधम सिंह नगर जनपद के काशीपुर में युवक-युवतियों से धोखाधड़ी (Fraud) का मामला प्रकाश में आया है। यहां के ट्रू लाइफ ऑनलाइन सर्विस नाम की संस्था ने एमबीए की डिग्री के साथ नौकरी देने के नाम पर लड़के-लड़कियों से पहले पैसे लिए और फिर काम करवाने के बाद इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। ठगी का शिकार युवतियों का आरोप है कि सैलरी मांगने पर कंपनी वाले निजी जिंदगी का हवाला देकर धमकी देते हैं और ऑफिस के बाहर से ही निकाल देते हैं।

ठगी की शिकायत लेकर युवक-युवतियां भीम आर्मी (Bhim Army) के सदस्य के पास पहुंचे तो मामला उजागर हो पाया। धोखाधड़ी(Fraud Case) के शिकार लोगों ने बताया कि ट्रू लाइफ ऑनलाइन सर्विस नाम की कंपनी ने पहले कहा कि तीन महीने में एमबीए का कोर्स कराएंगें और उसके साथ नौकरी भी मिलेगी। एक पीड़ित युवती के मुताबिक, वह बीए की छात्रा है। कंपनी ने उससे 15 दिनों की ट्रेनिंग पर रखकर काम करवाया। ट्रेनिंग से पहले उससे 650 रुपये भी लिए गए। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद छात्रा से कंपनी ने 4250 रुपये लिए। लेकिन उसके बाद न नौकरी मिली और न ही एमबीए की डिग्री। 15 दिन किए काम के पैसे भी नहीं दिए गए।

वहीं, एक अन्य युवती नवनीत कौर ने बताया कि, "कंपनी ने कहा था कि ऑफिस में डेस्क की नौकरी है लेकिन काम के लिए फिल्ड में धूप और बारिश में भी भेज दिया जाता था। तीन महीने तक सर्वे का काम करने के बाद एमबीए की डिग्री देने का वादा किया गया। डेढ़ महीने तक लगातार काम करने के बाद जब सैलरी मांगी तो कहा गया कि आपके टारगेट पूरे नहीं है। जबकि काम से पहले किसी तरह के टारगेट के बारे में नहीं बताया गया था।" युवती ने बताया कि कंपनी ने एक एग्रीमेंट का नाम बताकर धोखे से रिजाइन लेटर पर साइन करवा लिए। और अब सैलरी नहीं दे रहे।

बता दें कि ट्रू लाइन सर्विस नामक इस कंपनी ने करीब 65 युवक-युवतियों के साथ फ्रॉड किया। सभी से काम निकलवाए और पैसे मांगने पर टारगेट पूरा न करने का बहाना देने लगे। पीड़ितों का आरोप है कि कंपनी ने ज्वाइन करने वक्त किसी भी टारगेट के बारे में जानकारी नहीं दी। पहले सबसे 650 रुपये लिए गए और फिर 4250 रुपये लिए। एक दो महीने तक सभी लोग अपने खर्च पर फिल्ड में सर्वे का काम करते थे। लेकिन अब इन्हें न तो कोई एमबीए की डिग्री मिली और न ही अब काम के पैसे मिल रहे हैं। 

वहीं, इस पूरे मामले पर संस्था के मालिक डा. बृजवान सिंह का कहना है कि इन लड़के-लड़कियों ने टारगेट पूरा नहीं किया था इसलिए हमने सैलरी नहीं दी। 




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