Uttarakhand News : आरक्षित पदों के बैकलॉग भरने व पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर भीम आर्मी करेगी आंदोलन
(सफाईकर्मियों के नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर भीम आर्मी ने आंदोलन की घोषणा की है)
Uttarakhand News : उत्तराखंड राज्य में भीम आर्मी (Bhim Army) ने अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन की घोषणा की है। भीम आर्मी ने कहा है कि राज्य सफाई कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाय। समान कार्य हेतु समान वेतन का सिद्धांत लागू हो तथा ठेकेदारी प्रथा (Contract appointment) को बंद किया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगामी 10 नवंबर से आंदोलन किया जाएगा।
भीम आर्मी के नेताओं ने कहा कि उनकी मुख्य मांगों में एससी एसटी और ओबीसी के कार्मिकों को पदोन्नति के पदों में आरक्षण (Reservation in promotion) तथा बैकलॉग के पदों पर नियुक्ति हेतु तत्काल विज्ञप्ति जारी किए जाने की मांग शामिल है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने कहा कि सरकार सफाई कर्मचारियों के नाम परिवर्तन (पर्यावरण मित्र) करने के सांकेतिक कदमों वाले ढोंग में तो तत्पर नज़र आती है, परंतु बेहद बुरी स्थितियों में कार्य कर रहे सफाई कर्मियों के नियमितीकरण, ठेका प्रथा को बंद करने और समान कार्य के लिये समान वेतन (same work same pay) का सिद्धांत लागू करने में सरकार (Uttarakhand Government) की कोई रूचि नहीं है।
उन्होंने कहा कि महज नाम परिवर्तन करने से सफाई कर्मचारी के जीवन में सुधार नहीं होगा बल्कि ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर परमानेंट नौकरी देने से उनकी दशा सुधरेगी और आर्थिक मजबूती के साथ शोषण कम होगा ।
उन्होंने कहा कि साल 2012 में कांग्रेस सरकार (Congress Government) द्वारा sc st का पदोन्नति में आरक्षण को खत्म करने का कार्य किया गया। तत्पश्चात एसटी एससी ओबीसी और माइनॉरिटी के संगठन द्वारा इस मामले को जब हाई कोर्ट में अपील की गई।
उन्होंने बताया कि कोर्ट द्वारा निर्णय दिया गया कि उत्तराखंड सरकार पदोन्नति में आरक्षण देने हेतु सक्षम है। परंतु वर्तमान सरकार इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची और वर्तमान सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करवाया गया। जिससे यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान सरकार पूर्णतया बहुजन और दलित विरोधी सरकार है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 से रिक्त बैकलॉग (Backlog Vacancy) के पदों पर हाई कोर्ट नैनीताल दिए फैसले के उपरांत 2017 में सरकार द्वारा भरने हेतु आदेश किए गए। परंतु 2017 से आज तक संपूर्ण पदों पर विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। इससे लगता है कि वर्तमान सरकार दलित और पिछड़ों को मुख्यधारा में लाना ही नहीं चाहती।
साथ ही उन्होंने कहा कि बैकलॉग के पदों को समाप्त करने का सार्वजनिक बयान देने वाले सत्ताधारी दल के नेता को जिस तरह केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया उससे साफ़ है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार और इन दोनों जगह सत्ताधारी दल वंचित तबकों के हितों के पूर्णतया ख़िलाफ हैं
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने कहा कि इन मांगों को लेकर क्रमिक जिलेवार राज्य व्यापी आंदोलन किए जाएंगे। यदि मांगे जल्दी पूरी नहीं हुई तो 10/11/2021 को राजधानी देहरादून में सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।