Farmers Suicide: तीन किसानों की आत्महत्या से सनसनी, परिजनों ने चक्रवात 'जवाद' को ठहराया जिम्मेदार

Farmers Suicide: मृतक किसानों के परिवारों की मानें को चक्रवात 'जवाद' के कारण बेमौसम बारिश के कारण आलू और धान की फसलें खराब हो गई। जिसके कारण अवसाद में आकर किसानों ने आत्महत्या की है...

Update: 2021-12-19 10:26 GMT

पश्चिम बंगाल में तीन किसानों ने फसल बर्बादी से तंग आकर की खुदकुशी(प्रतीकात्मक तस्वीर)

West Bengal: पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के पूर्व वर्धमान जिले ( Bardhaman District) में पिछले दो दिनों के अंदर तीन किसानों ने आत्महत्या कर ली। किसानों के खुदकुशी के पीछे का कारण फसल की बर्बादी को बताया जा रहा है। पुलिस ने रविवार 19 दिसंबर को किसानों की मौत की जानकारी दी। मृतक किसानों के परिवारों की मानें को चक्रवात 'जवाद' (Cyclone Jawad) के कारण बेमौसम बारिश के कारण आलू और धान की फसलें खराब हो गई। जिसके कारण अवसाद में आकर किसानों ने आत्महत्या की है। दो किसान शनिवार 18 दिसंबर को रैना प्रथम मंडल में देबीपुर और बंतीर गांवों में अपने घरों में फंदे से लटके पाए गए। वहीं, एक अन्य किसान कलना द्वितीय मंडल के बिरुहा गांव में शुक्रवार 17 दिसंबर को अपने घर में फंदे से लटका पाया गया। जिला प्रशासन घटनाओं की जांच कर रहा है। 

दो दिनों के भीतर वर्धमान (Bardhman Farmers Death) में तीन तीन किसानों की मौत (Farmers Death) के बाद प्रशासन पर गंभीर सवार खड़े हो रहे हैं। मगर, विधायक से लेकर बीडीओ तक, कोई भी फसल बर्बादी के कारण किसानों की आत्महत्या की बात नहीं कबूल रहा है। रैना प्रथम मंडल के बीडीओ सौमेन बानिक ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद यह पाया गया कि फसलों को हुए नुकसान के कारण आत्महत्याएं (Suicide Case) नहीं की गईं और पुलिस और कृषि विभाग को घटनाओं की जांच करने के लिए कहा गया है। कृषि पर राज्य सरकार के सलाहकार प्रदीप मजूमदार ने कहा कि किसानों ने आत्महत्या फसलों को हुए नुकसान के कारण नहीं की होंगी, क्योंकि उन्हें एक सप्ताह पहले 'कृषक बंधू' योजना के तहत वित्तीय मदद मिली थी। इधर, रैना की विधायक शम्पा धारा ने भी दावा किया कि फसलों को हुए नुकसान के कारण मौत नहीं हुई हैं।

मामले को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम (Postmortam) के लिए वर्धमान मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भेजा गया है। जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका सिंगला ने कहा कि घटनाओं की जांच चल रही है। जांच के बाद ही किसानों की खुदकुशी करने की वजह का पता चल पाएगा।'
बता दें कि दिसंबर के शुरुआती हफ्ते में बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात 'जवाद' (Jawad) ने बंगाल में भारी तबाही मचाई थी। जवाद के कारण बंगाल की राजधानी समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई थी। कई दिनों तक हुई बेमौसम बरसात के कारण सबसे ज्यादा मुकसान फसलों को हुआ। खेत में लगे धान और आलु की फसले बर्बाद हो गई।



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