101 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी एचएस डोरस्वामी ने CAA-NRC के खिलाफ किया अनशन

Update: 2020-02-09 09:54 GMT

CAA-NRC के खिलाफ 101 वर्षीय स्वतंत्रतता सेनानी ने किया अनशन, 6 फरवरी से 10 फरवरी तक चलेगा विरोध प्रदर्शन...

जनज्वार। बेंगलुरू के टाउन हॉल में एक 101 वर्षीय स्वंतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता एचएस डोरस्वामी के नेतृत्व में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर, नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है।

6 फरवरी को स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी एचएस डोरस्वामी को पुलिस की ओर से कथित तौर पर सूचित किया गया था कि उन्हें विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है और उन्हें हिरासत में लिया जाएगा। हालांकि डोरस्वामी सुबह 10.15 बजे धरने पर बैठे और पूरे दिनभर धरने पर बैठे रहे।

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विरोध में शामिल आयोजकों ने कहा कि उन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें खुद को ऐसा तनाव नहीं देना चाहिए था। बावजूद इसके उन्होंने विरोध प्रदर्शन में भाग लेना जारी रखा और 10 फरवरी तक ऐसा करने की योजना बनाई।

Full View ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हम छीन के लेंगे आजादी और हम लड़ के लेंगे आजादी के नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन में मौजूद सक्रिय कार्यकर्ताओं में से एक वारसी कहते हैं कि लोग विरोध में बैठे हैं लोगों के पास रोजगार नहीं हैं और उनके पास कोई व्यवसाय नहीं है, क्योंकि मोदी जैसे लोग पूरे देश को विभाजित कर चुके हैं और सरकारी संपत्तियों को बेचकर इसे अपना निजी व्यवसाय बना रहे हैं।

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अन्याय के खिलाफ डोरस्वामी का विरोध प्रदर्शन करने का एक लंबा इतिहास रहा है। आजादी मिलने से पहले उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर सरकारी दस्तावेजों को टाइम बम से उड़ाने की योजना तक बनाई थी। जेल जाने के बाद वे महात्मा गांधी के रास्ते पर चले और अहिंसा और सत्याग्रह की राह चुनी। 1947 में उन्होंने मैसूर चलो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था।

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